18 घंटे में तैयार होगी रोटी
महंत ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि रोट का निर्माण कारीगर 30 जून को शुरू करेंगे। इसके लिए तैयार विशेष भट्टी में गाय के गोबर कंडो से तैयार अग्नि में विशाल तवे व बेलन की सहायता से रोट तैयार कर उसकी सिकायी की जाएगी। करीब चार दर्जन कारीगर 18 घंटे में रोट तैयार करेंगे। इस दौरान अखंड संकीर्तन, भजन, मंत्रोच्चार किए जाएंगे।
चूरमा बनाकर बांटेंगे प्रसाद
बालाजी के भोग प्रसादी लगाने के बाद रोट का मशीनों से चूरमा तैयार करवाकर प्रसादी का वितरण किया जाएगा। आयोजन की व्यवस्था में शहर के लोग भी जुटे हैं। रोटा बनाने के लिए बाहर के कारीगरों की टीम बुलाई गई है। इसके लिए सूरत, जोधपुर, फलौदी, पूरनासर के कारीगर व भक्त व्यवस्थाओं में जुटे हंै। शर्मा ने बताया कि रोट को तैयार करने में काम में आने सभी संसाधन मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों के लिए रखे गए हैं। आयोजन के बाद नई पीढ़ी के लिए इन सभी को संजोकर रखा जाएगा।