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खौफ में राजस्थान का ये गांव, 16 दिन में 21 लोगों की मौत, हर दिन मौत से सहमे ग्रामीण

राजस्थान के सीकर जिले के खीरवा गांव में कोरोना संक्रमित शव के जनाजे में बरती गई लापरवाही से 16 दिन में 21 घरों से जनाजा उठ चुका है।

सीकरMay 07, 2021 / 02:46 pm

Sachin

छोटे से गांव में 16 दिन में 21 मौत, जांच से बच रहे ग्रामीण

सीकर/लक्ष्मणगढ़. राजस्थान के सीकर जिले के खीरवा गांव में कोरोना संक्रमित शव के जनाजे में बरती गई लापरवाही से 16 दिन में 21 घरों से जनाजा उठ चुका है। हालांकि ग्रामीण अब भी सभी मौतों को प्राकृतिक ही मान रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इसी सोच के चलते ग्रामीण कोरोना की जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। फिलहाल शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के संज्ञान के बाद प्रशासन ने पूरे गांव में हाइपोक्लोराइड के छिड़काव के साथ ग्रामीणों के सैंपल की कवायद शुरू कर दी है।

गुजरात से बॉडी किट में आया था शव, परिवार ने खोला
खीरवा गांव में संक्रमण की शुरुआत 21 अप्रेल को हुई। गांव का निवासी मोहम्मद अजीज गुजरात में कारोबार करता था। वहीं पर मौत होने पर 21 अप्रेल को उसका शव बॉडी किट में पैक कर गांव लाया गया था। शव को सीधे कब्रिस्तान ले जाने की बजाय घर पर ले जाया गया। प्रशासन को पता चला है कि वहां पर ग्रामीणों ने शव को किट से बाहर निकाल लिया। जनाजे में भी डेढ़ सौ से ज्यादा लोग शामिल हुए।


गांव में हर दिन मौत से सहमे ग्रामीण
21 अप्रेल की घटना के बाद से गांव में हर दिन मौत हो रही है। बुजुर्गों की मौत होने पर ग्रामीणों ने पहले तो इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन लगातार होती मौत ने उन्हें दहशत में ला दिया। ग्रामीणों के अनुसार गांव में पिछले 21 दिन में गफूर खा (101), जन्नत बानो (62), हफिजऩ बानो (95), इलायची बानो (78), सलामत बानो (65), महताब खां (87), बिहारीलाल शर्मा (71), जावेद खान (32),बिस्मिल्ला (80), मजीद खान (88), बिस्मिल्लाह बानो (83), जन्नत बानो (73), छोटू खा (81) ताज बानो (71) बानू (70), हाजरा बानो (81), आलम खातून (69) की मौत हुई है।

डोटासरा ने यह किया थी ट्वीट
मामले की जानकारी गुरुवार को पीसीसी चीफ व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर साझा की थी। उन्होंने लिखा था कि आज पूरा गांव खतरे में है। बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इस गांव के 20 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और कई संक्रमित हैं। पिछले 10 दिनों से हम संक्रमण रोकने की और संक्रमित लोगों के इलाज की हर कोशिश कर रहे हैं । पूरे गांव में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करवाया जा चुका है। दवाइयों का किट बनाकर संक्रमित परिवार वालों को बांटा जा रहा है और आज सीकर जिले से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाई गई स्पेशल डॉक्टरों की टीम को भी गांव भेजा गया है। ताकि मामले में आगे की जांच हो सके। उन्होंने आगे लिखा है कि यह सीख है उन सभी लोगों के लिए जो कोरोना को गंभीर नहीं लेने की गलती करते हैं। बहुत जल्द सरकार कुछ कड़े फैसले लेगी जिससे यह संक्रमण की संख्या कम होने की उम्मीद है। तब तक घरों में रहिए, सुरक्षित रहिए…।

लक्षणों को छिपाया, सर्वे में सहयोग नहीं : प्रशासन
खीरवा में 21 लोगों की मौत के बाद प्रशासनिक जांच में ग्रामीणों को ही लापरवाही का दोषी ठहराया गया है। उपखंड अधिकारी डॉ. कुलराज मीणा ने बताया कि शिक्षा राज्य मंत्री के निर्देशानुसार गांव में जिला स्तरीय चिकित्सा टीम भेजकर निरीक्षण करवाया गया। निरीक्षण में सामने आया है कि ब्लॉक में सबसे कम वैक्सीनेशन खीरवा गांव में हुआ है। स्थानीय नागरिकों ने प्रारंभिक लक्षणों को छुपाया और डोर टू डोर सर्वे में भी सहयोग नहीं किया। इस दौरान वितरित किए गए मेडिकल किट का भी उपयोग नहीं करने से संक्रमण फैला। गांव के लोगों को अब अधिकाधिक संख्या में टीकाकरण व सैम्पलिंग करवाने के लिए कहा गया है। समस्त ग्राम पंचायत क्षेत्र एवं कोविड संक्रमण से मृत्यु होने वाले घरों के भीतर भी सोडियम हाइपो क्लोराइट का छिड़काव करवाया जा रहा है। जिन परिवारों में संक्रमण से मृत्यु हुई है, उनके अन्य सदस्यों के तत्काल सैंपलिंग एवं ग्राम पंचायत में अधिकाधिक वेक्सीनेशन के लिए निर्देशित किया है।

मौतें प्राकृतिक भी हो सकती है : ग्रामीण
गांव के लोगों का कहना है कि गांव में हाल ही के दिनों में 21 मौत हुई है, लेकिन सभी की मौत कोरोना संक्रमण से हुई हो यह नहीं कहा जा सकता। गांव के अरशद अयूब पठान का कहना है कि 21 अप्रेल को जिस शख्स का पार्थिव शरीर सूरत से गांव आया था, उसके साथ 30 सदस्य और भी थे। उनमें से कोई पॉजिटिव नहीं आया है। ऐसे में उस पार्थिव शरीर से संक्रमण की सूचना गलत हो सकती है। गांव में कोरोना संक्रमण से दो मौतों की पुष्टि हुई है। अन्य 15-16 मौत प्राकृतिक भी हो सकती है। उनमें से अधिकतर की उम्र 70 वर्ष से अधिक है। वैसे गांव के लोग जागरूक हैं। मरीजों के लिए दवा की व्यवस्था की जा रही है। गांव के छह कोरोना संक्रमित लोगों को सांवली में भर्ती करवा दिया है।

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