यह है पूरा मामला…
जिले के आदिवासी विकासखंड कुसमी अंतर्गत विवाह की सूचना पर महिला विकास विभाग पर बाल विकास विभाग कुसमी की टीम पुलिस बल के साथ गांव पहुंची और लड़की के परिजनों को समझाइस देते हुए बाल विवाह रुकवाया। महिला बाल विकास की टीम को सूचना मिली थी गांव में रहने वाली एक नाबालिग बच्ची की शादी परिजन करा रहे हैं। बारात आने से पहले महिला बाल विकास व पुलिस की टीम पहुंच गई।
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महिला बाल विकास कुसमी की परियोजना अधिकारी अनुसुहया बाजपेयी के निर्देशन पर सेक्टर पर्यवेक्षक माया गिरी गोस्वामी, भारती चौधरी के द्वारा कतरवार गांव में पहुंच कर पुलिस टीम एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सचिव एवं पंचों की उपस्थिति में गुरुवार 10 फावरी को होने वाले बाल विवाह को रोक दिया गया। कतरवार निवासी राममरोज जायसवाल की पुत्री पार्वती जिसकी उम्र महज 16 वर्ष थी उसकी शादी राजेंद्र पिता रामाबतार जायसवाल निवासी बजबई पोस्ट भदौरा के साथ होने जा रहा था। इस दौरान बालिका के आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्र विभाग ने पुलिस की उपस्थिति में चेक किए, जिसमें बालिका की उम्र 16 वर्ष पाए जाने पर शादी को रुकवाया गया और परिजन को समझाइश दी गई कि बालिग होने के बाद ही बेटी की शादी करें।
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