जीत के बाद पत्रिका से खास चर्चा के दौरान रीति पाठक ने कहा कि यह जो जीत हुई है वह मेरी जीत नहीं बल्कि यह भाजपा की, संगठन की जनता जनार्दन की और नरेंद्र भाई मोदी के कार्य, निष्पक्ष व ईमानदार छवि की जीत है, हमारे संसदीय क्षेत्र के संगठन की जीत है।
ये सारी जीत हमारे कार्यकर्ताओं और जनता जनार्दन की है। निश्चित रूप से हमारे आगे आने वाले समय में हमारे संसदीय क्षेत्र में जो विकास के कार्य नहीं हो पाए हैं उनको पूरा करने का प्रयाश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देना रहेगा।
टिकट वितरण पर शुरूआती दौर में भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बाद इतनी बड़ी जीत को लेकर किए गए सवाल पर रीति पाठक ने कहा कि जनता जनार्दन जानती है कि देश हित में काम करने वाले पार्टी गलत निर्णय नहीं ले सकती, और इसीलिए जनता ने स्वीकारा और अपना जनादेश दिया है।
और इतना ही कहना चाहती है कि भाजपा का निर्णय कार्यकर्ताओं ने और जनता जनार्दन ने स्वीकारा है, इसी का परिणाम है कि इतने प्रचंड मतो से जीत दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि हमारे भाजपा कार्यकर्ता और जिलाध्यक्ष ने कहा था कि हम पिछले सारे रिकार्ड तोड़ेंगे।
मुझे उम्मीद थी कि पिछली जो जीत हुए थी, उससे दोगुना मतो से जीत होगी, लेकिन जनता का इतना अपार स्नेह मिला की जीत का अंतराल तीन गुना के करीब पहुंच गया। इस सवाल के जवाब में कि यदि अजय सिंह के अलावा कांग्रेस का अन्य कोई प्रत्याशी होता तो क्या जीत का अंतर बढ़ता।
उन्होंने कहा कि चुनाव एक धर्मयुद्ध होता है, और मैने इसे इसी अंदाज से लड़ा, मैंने यह नहीं देखा कि मेरे सामने प्रतिद्वंदी कौन है, मैंने केवल इतना देखा कि पार्टी ने जो मुझे आदेश दिया है उसको मैं ईमानदारी से निर्वहन करूं।
मायके से ज्यादा मिला स्नेह सिंगरौली मेरा मायका है, और मायके से मुझे अपार स्नेह मिला है, वहां से झोली भर कर स्नेह मिला है। इसके साथ ही ससुराल सीधी जिले में है, यहां से भी बहू के नाते में मुझे अपार स्नेह और आशीर्वाद मिला है। मैं हृदय से सीधी संसदीय क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त करती हूं, और यह विश्वास दिलाती हूं कि जिस उम्मीद के साथ जनता ने मुझे पुन: आशीर्वाद दिया है, उसका मैं कर्ज अदा कर सकूं।