बाघ टी-27 है पिता विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, मोहन रेंज में जन्में दो शावकों का पिता बाघ टी-27 है। इस बाघ को गत वर्ष 12 जून को लाकर मोहन रेंज में छोड़ा गया था, इसके पहले 1 जून को यहां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघिन लाकर छोड़ी गई थी, लेकिन उसकी मौत हो गई थी। बाघिन की मौत के बाद अधिकारी निराश हो गए थे कि अब यहां बाघों का कुनबा नहीं बढ़ पाएगा, लेकिन त्वरित प्रयास करते हुए गत वर्ष 22 दिसंबर को बाघिन टी-32 को लाकर मोहन रेंज में छोड़ा गया था। इसके बाद बाघिन टी-32 और बाघ टी-27 में मिलन हुआ, जिसके बाद विगत माह दो शावकों का जन्म हुआ।
इसलिए खास है मोहन रेंज
संजय टाइगर रिजर्व के वर्तमान मोहन रेंज के पनखोरा जंगल में दुनिया का पहला सफेद बाघ मिला था, जिसका नाम मोहन रखा गया था। बाद में सफेद बाघ मोहन के नाम पर ही इस रेंज का नाम रखा गया। लेकिन यह रेंज लंबे समय से बाघ विहीन होने के कारण विभागीय अधिकारियों में निराशा थी।
इसलिए खास है मोहन रेंज
संजय टाइगर रिजर्व के वर्तमान मोहन रेंज के पनखोरा जंगल में दुनिया का पहला सफेद बाघ मिला था, जिसका नाम मोहन रखा गया था। बाद में सफेद बाघ मोहन के नाम पर ही इस रेंज का नाम रखा गया। लेकिन यह रेंज लंबे समय से बाघ विहीन होने के कारण विभागीय अधिकारियों में निराशा थी।
वायपी सिंह, सीसीएफ संजय टाइगर रिजर्व सीधी