डॉ. राजेश मिश्रा को बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है। इनका सियासी सफर बसपा के साथ शुरू हुआ था। साल 2008 में ये सीधी विधानसभा से बतौर बसपा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे। इन्हें 13741 मत मिले थे। डॉ. राजेश मिश्रा बीजेपी कांग्रेस के बाद तीसरे स्थान पर थे। साल 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के हाथों इन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली थी। तब से भाजपा में रहकर विधानसभा व लोकसभा में टिकट की मांग करते हुए दावेदारी जता रहे थे। डॉ. राजेश मिश्रा विधानसभा चुनाव 2023 में सीधी सीट से दावेदारी जता रहे थे। लेकिन टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि, इस बार बीजेपी ने रीति पाठक के ऊपर दांव न खेलकर डॉ. राजेश मिश्रा के साथ जाने का फैसला किया है।
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कमलेश्वर पटेल को कांग्रेस ने सीधी लोकसभा से मैदान में उतारा है। यह पहली बार 2013 में सिहावल विधानसभा से विधायक बने थे। इसके बाद 2018 में फिर इन्होंने जीत हासिल की थी। कमलेश्वर पटेल के पिता इंद्रजीत पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे और एमपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। वहीं कमलेश्वर पटेल भी एमपी सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, 2023 में वह सिहावल विधानसभा सीट से बीजेपी विश्वामित्र पाठक से चुनाव हार गए थे। एक बार पार्टी ने फिर से भरोसा जताकर मैदान में उतारा है।
कमलेश्वर पटेल को कांग्रेस ने सीधी लोकसभा से मैदान में उतारा है। यह पहली बार 2013 में सिहावल विधानसभा से विधायक बने थे। इसके बाद 2018 में फिर इन्होंने जीत हासिल की थी। कमलेश्वर पटेल के पिता इंद्रजीत पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे और एमपी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। वहीं कमलेश्वर पटेल भी एमपी सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, 2023 में वह सिहावल विधानसभा सीट से बीजेपी विश्वामित्र पाठक से चुनाव हार गए थे। एक बार पार्टी ने फिर से भरोसा जताकर मैदान में उतारा है।
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विंध्य की सीधी लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों और क्षत्रियों का दबदबा रहा है। लेकिन एससी के वोट 11 फीसदी और एसटी के वोट 32 फीसदी हैं। सीधी की 8 विधानसभा सीटों में से 3 सीटें एसटी तो 1 सीट एससी के लिए रिजर्व है। बाकी की बची हुई 4 सीटों पर सामान्य चुनाव होता है।
विंध्य की सीधी लोकसभा सीट पर ब्राह्मणों और क्षत्रियों का दबदबा रहा है। लेकिन एससी के वोट 11 फीसदी और एसटी के वोट 32 फीसदी हैं। सीधी की 8 विधानसभा सीटों में से 3 सीटें एसटी तो 1 सीट एससी के लिए रिजर्व है। बाकी की बची हुई 4 सीटों पर सामान्य चुनाव होता है।