सीधी

RSS ज्वाइन न करने पर शिक्षक के साथ मारपीट, हाईकोर्ट में सुनवाई

MP High Court: सीधी में एक एससी शिक्षक से जबरन आरएसएस में शामिल नहीं होने को लेकर 18 लोगों ने की मारपीट। शिक्षक ने पुलिस पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।

सीधीDec 20, 2024 / 09:14 am

Akash Dewani

MP High Court: मध्य प्रदेश के सीधी में एक अनुसूचित जाति (SC) के शिक्षक द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। शिक्षक डॉ.रामजस चौधरी ने आरोप लगाया था कि उन्हें जबरन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल होने के लिए बाध्य किया गया और इनकार करने पर उनके साथ मारपीट की गई तथा नौकरी से निकाल दिया गया। शिक्षक सीधी के एक सरकारी कॉलेज में अतिथि व्याख्याता के रूप में कार्यरत थे।

पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

शिक्षक ने बताया कि वे बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और हिंदू धर्म के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं। उन्होंने बताया कि आरएसएस ज्वाइन करने को मना कर दिया था तब उन्हें अलग-अलग तरीकों से परेशान किया गया। उन्हें बाथरूम में आधे घंटे तक बंद कर दिया गया था। यही नहीं, प्रिंसिपल के केबिन में घुसकर भी उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने बताया कि एक दिन जब वह कॉलेज जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे तब 3 हथियारबंद लोगों ने उनपर हमला कर दिया और उन्हें बुरी तरह घायल कर दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज में लगभग 18 लोगों ने उन्हें आरएसएस में शामिल होने के लिए मजबूर किया और मना करने पर उनके साथ मारपीट की गई। शिकायत के बावजूद स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद 9 दिसंबर को जनहित याचिका दायर करने पर कॉलेज के प्रिंसिपल ने उन्हें धार्मिक कार्यक्रमों में भाग न लेने के आधार पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
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हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून पर्याप्त हैं। न्यायालय ने शिक्षक को सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक और मझगवां थाने के थाना प्रभारी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट की धारा 4 के तहत परिवाद दायर करने की अनुमति दी है। साथ ही शिक्षक के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में मारपीट के बाद घायल होने वाली अपनी तस्वीर भी कोर्ट को दिखाई और कहा था कि याचिका दायर करने के अगले दिन ही उसे नौकरी से निकल दिया गया था। इस मामले में अब अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी।

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