सीधी अपर कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ अंशुमन राज ने बताया कि वो अपने दफ्तर के केबिन में थे तभी उनके कर्मचारी ने आकर बताया कि कोई मिलने आया है। मिलने बुलाया तो पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश कुशवाहा थे जिनके साथ उनका एक साथी भी था। वो हाथ में मिठाई का डिब्बा लिए हुए थे मिठाई का डिब्बा लिया तो उसमें नीचे की तरफ एक लिफाफा था। लिफाफा देखते ही उन्हें रिश्वत का एहसास हुआ तो उन्होंने तुरंत खुद ही फोन कर थाना प्रभारी को सूचना दी जिसके बाद पुलिस पहुंची और पूर्व जिला पंचायत सदस्य और उनके साथी को पकड़कर थाने ले गई।
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पूरे मामले पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य अखिलेश कुशवाहा का कहना है कि वो पहली बार जिला पंचायत सीईओ के पास गए थे इसलिए अपने साथ मिठाई का डिब्बा लेकर गए थे। जो पैसे थे वो मेरे ही थे और मैं अपने निजी काम के लिए रखे हुआ था। वो पैसे मैं सीईओ को नहीं देने वाला था, उन्हें गलतफहमी हुई है कि हम रिश्वत देने की कोशिश कर रहे थे हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था। वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि अपर कलेक्टर की सूचना पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य व उनके साथी को पकड़कर लाए थे। साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।