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इस तरह हादसे के शिकार हुए तीनों लोग
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात हाथियों का झुंड कोटा गांव में पहुंच गया। इसकी सूचना ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही हाथी ट्रेकिंग दल द्वारा कोटा पहुंच कर ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों को खदेड़ दिया गया। कोटा गांव से खदेड़े जाने के कारण गुस्साए हाथियों का झुंड ग्राम पंचायत खैरी के ग्राम हैकी पहुंच गए। हाथियों के आने की सूचना पर राम पाल , रामप्रताप पिता राम बहोर यादव अपने दो मासूमों को लेकर जान बचाने की गरज से घर से भागने की फिराक में था। लेकिन जैसे ही घर से बाहर निकल कर गांव की ओर भागने लगा रास्ते में ही हाथियों का झुंड मिल गया, जिन्होंने तीनों को अपने पैरों तले रोंद दिया।
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इलाके में भारी पुलिसबल तैनात
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने तिलवारी-जनकपुर मार्ग के कोटा छांदा में चक्काजाम कर दिया। मृतकों में गोरे लाल यादव और उनके दो पोते जिनके नाम 12 वर्षीय रामकृपाल यादव और 13 वर्षीय रामप्रसाद यादव है। फिलहाल बन विभाग और ग्रामीण हाथियों का पीछा कर रहे तीन परिक्षेत्रों बस्तुआ, पोंडी और मड़वास के ट्रैकिंग दल को ग्रामीणों ने घेर लिया। जिसकी सूचना आनन फानन में पुलिस को दी गई। हालात को नियंत्रित रखने के लिये रात से ही भारी पुलिस बल घटनास्थल पर मौजूद है। घटना के बाद से ही इलाके में मातम पसरा हुआ है।
घटना स्थल पर अधिकारी मौजूद
फिलहाल, घटनास्थल पर एसडीओ संजय टाईगर रिजर्व जया त्रिपाठी, भगवती प्रसाद तिवारी परिक्षेत्र अधिकारी दुबरी, बस्तुआ, पोंडी, मड़वास, ब्यौहारी सहित, थाना प्रभारी मझौली, कुशमी, चौकी प्रभारी पथरौला, मड़वास, के अलावा हजारों की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित हैं।