इस तरह मौसम में चल रहे बदलाव से जिले भर के किसान काफी चिंतित हैं, उन्हे इस बात का डर सता रहा है कि अगर बारिश के साथ ओलादृष्टि हुई तो उनकी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इस समय दलहनी फसलों में फूल आने का सीजन है। अगर थोड़ी भी ओलादवृष्टि हुई तो फूल झड़ जाएंगे, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा।
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खिली धूप के साथ अचानक छा जाते हैं बादल
यहां मौसम का मिजाज ऐसा है कि, मौसम पूरी तरह से साफ रहने व तेज धूप खिली रहने के बाद अचानक ही मिजाज बदल जाता है और आसमान में बादल छा जाते हैं।
ये फसलें होंगी प्रभावित
बारिश और ओलावृष्टि हुई तो रवी सीजन की दलहनी फसलें सबसे अधिक प्रभावित होंगी, इसके साथ ही सब्जियों की फसलों को भी काफी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही हैं।
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किसानों ने सुनाया दर्द
-मोहनी के रहने वाले किसान गणेश साकेत ने बताया कि, इन दिनों मौसम का मिजाज ऐसा है कि, हर वक्त बारिश और ओलावृष्टि का डर सता रहा है। मौसम अचानक बदल जाता है, तेज धूप खिली रहती है और अचानक आसमान में बादल छा जाते हैं।
-रिमारी के किसान राजजबहोर यादव का कहना है कि, इस समय दलहनी फसलों में फूल और फल आ रहे हैं। ऐसे समय में अगर ओलावृष्टि हुई तो उत्पादन काफी प्रभावित हो जाएगा। हमें हर वक्त मौसम को लेकर चिंता सता रही है।
-गुडुआधार के किसान गणेश साकेत ने बताया कि, हमारे अंचल में बिना किसी पूर्वानुमान के अचानक मौसम बदला और बारिश के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई। आंवले के आकार के ओले गिरने से फसलें प्रभावित हुई हैं। आगे भी मौसम का कोई भरोसा नहीं।
दलहनो व तिलहनी फसलें होंगी प्रभावित
सीधी जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक धनंजय सिंह का कहना है कि, मौसम का मिजाज बदल रहा है, ओलावृष्टि की आशंका है। अगर ओलावृष्टि हुई तो सरसों, अलसी, चना, अरहर आदि फरलें प्रभावित होंगी। अब सब प्रकृति के ही हाथों में है।
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