लोकसभा निर्वाचन में मतदान के दिन कोष्टा पोलिंग बूथ में हंगामा मामले में दर्ज किया गया था मामला, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीधी के न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत, आईपीसी की धारा 188 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 131 के तहत चुरहट थाने में दर्ज किया गया था अपराध
सीधी। सीधी सांसद एवं सीधी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रीती पाठक के विरूद्ध चुरहट थाना में दर्ज गैर जमानती अपराध के विरूद्ध जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीधी के न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई है। थाना चुरहट में रीती पाठक के विरूद्ध भादवि की धारा 188 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 131 के तहत मामला दर्ज हुआ था।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री डॉ.महेंद्र ङ्क्षसह चौहान के शिकायत पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मप्र भोपाल के निर्देश पर जांच की गई थी। तत्पश्चात मामला दर्ज किया गया था। उनके ऊपर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अनावश्यक रूप से चुनाव प्रक्रिया को असहज, सशांत एवं हिंसक बनाने का प्रयाश किया, तथा पीठासीन अधिकारी एवं अन्य कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार किया गया। जिसमें चुनाव आयोग द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि रीती पाठक हथियार बंद अनाधिकृत व्यक्ति के साथ मतदान केंद्र कोष्टा के अंदर प्रवेश किया था। रीती पाठक के विरूद्ध दर्ज मामला गैरजमानतीय होने के कारण उनके गिरफ्तारी की आशंका पर अधिवक्ता अखंड प्रताप सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश सीधी की न्यायालय में जमानत याचिका प्रस्तुत करते हुए न्यायालय के समक्ष यह तर्क रखा कि रीती पाठक के ऊपर लगाए गए आरोप झूठे, मनगढ़ंत एवं निराधार हैं। उक्त आरोप राजनीतिक विरोध के चलते सत्ता का दुरूपयोग करते हुए लगाया गया है। उक्त आरोप के संबंध में कोई साक्ष्य अभिलेख पर नहीं है, उन्हे झूठा फंसाया जा रहा है, वह वर्तमान में भाजपा की सांसद हैं, जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। उक्त तर्कों के आलोक में उभयपक्षों द्वारा प्रस्तुत तर्क एवं थाना चुरहट में दर्ज अपराध की केश डायरी का अवलोकन करने के उपरांत विद्वान न्यायाधीश द्वारा रीती पाठक की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार की गई। रीती पाठक की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता अखंड प्रताप सिंह, अरूण सिंह सेंगर व देशराज सिंह ने की।
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