विधायक का आरोप…पीड़ितों पर ही दर्ज हो रहा है केस
विधायक विनय वर्मा ने कहा कि पुलिस अधीक्षक और उनके मातहतों की जन विरोधी कार्यप्रणाली के विरोध में उन्हें धरना देने के लिए विवश होना पड़ा। वह जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं, क्योंकि थानों में पीड़ितों के खिलाफ ही केस दर्ज करके प्रताड़ित किया जा रहा है। विधायक की बात भी नहीं सुनी जा रही है।विधायक ने तीन दिन पहले ही विधान सभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर धरना की जानकारी दे दी थी कि वह मंगलवार से धरना पर बैठेंगे। नगर पालिका परिषद कार्यालय के सामने सुबह 9 बजे ही धरना देने के लिए टेंट लगा दिया गया, लेकिन धरना स्थगित करने के लिए अधिकारियों और विधायक के बीच बातें होती रहीं।
अवैध खनन, ड्रग्स एवं अन्य सामानों की तस्करी जारी
इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान ने विधायक के साथ जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर के साथ बैठक करके बात की। जिलाधिकारी से बातचीत के बाद धरना होने पर असमंजस की स्थिति थी और विधायक अपने समर्थकों के साथ तीन घंटे तक भाजपा कार्यालय में बैठे रहे, लेकिन दोपहर 3 बजे विधायक ने फिर धरना देने की घोषणा की और उनके समर्थक भी आने लगे।विधायक का आरोप है कि उनके विधान सभा क्षेत्र की पुलिस जनता का उत्पीड़न कर रही है और भ्रष्टाचार में लिप्त है। उनके विधान सभा क्षेत्र के थानों में अवैध खनन, ड्रग्स एवं अन्य सामानों की तस्करी हो रही है, लेकिन पुलिस अधीक्षक इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
विधायक की पैरवी पर नही हुई कारवाई
अवैध खनन के मामले में विधायक की पैरवी के बावजूद पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए केस नहीं दर्ज किया गया, बल्कि बस्ती में आयाजित समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष में सही जवाब नहीं दिया गया।उन्होंने विधायक के विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है। उनकी मांग है कि उनसे अमर्यादित भाषा में बात करने वाले शोहरतगढ़ थानाध्यक्ष को निलंबित करते में पुलिस अधीक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।