DJ, DM, SP के निरीक्षण में कैदी ने बताई गांजा मिलने की बात
25 सितंबर जिलाधिकारी डॉ राजा गणपति आर, जिला जज, पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी जिला कारागार का औचक निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान पॉक्सो एक्ट के तहत एक बंदी ने जिलाधिकारी से मिलने की गुहार लगाई और जोर-जोर से आवाज लगाने लगा।इस पर जिलाधिकारी का ध्यान उस बंदी की तरफ गया और बंदी को जिलाधिकारी ने जब बुलाया तो उस बंदी ने बताया कि जेल में गांजा बेचा जाता है। यही नहीं उस बंदी ने माचिस के डिब्बी में छिपाए गए 20 ग्राम गांजा को भी दिखाया और उस स्थान की भी जानकारी दी। जहां पर गांजा छुपा कर रखा गया था। साथ ही 4 मोबाइल भी बरामद कराए।
जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रियल जांच का दिया था आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रियल जांच के साथ शासन को पत्र भी जारी किया था। जांच में पूछताछ के दौरान बंदी ने डिप्टी जेलर पर जेल में गांजा बिकवाने जैसा गंभीर आरोप लगाया और बताया कि जेल में अगर गांजा न बिके तो पिटाई की जाती है। इस काम में जेल के चार अन्य जेल कर्मी भी शामिल है।डीआईजी जेल एसके मैत्री ने भी 3 दिन पूर्व गांजा मिलने के आरोपों की जांच की थी और प्रथम दृष्टया डिप्टी जेलर समेत चार अन्य जेल कर्मियों की भूमिका इस मामले में संदिग्ध पाए जाने पर डीआईजी जेल ने डिप्टी जेलर त्रिलोकी नाथ, हेड वार्डन फूलचंद यादव, जेल वार्डन उमेश कुमार और अन्य जेल कर्मी सौरभ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।