नकली नोटों के कारोबार में लिप्त
नूरी बाबा श्रावस्ती जिले के मल्हीपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मनपुर गंगापुर गांव का निवासी है। वह कबाड़ी के काम से शुरुआत कर धीरे-धीरे नकली नोटों के व्यापार में आ गया। उसने गांव में एक मदरसा खोला, जिसकी आड़ में वह अपने गैरकानूनी कामों को अंजाम देता था। पुलिस ने उसके ठिकाने से नकली नोटों का बड़ा जखीरा बरामद किया है। इसके अलावा प्रिंटर और अन्य उपकरण भी मिले हैं, जिनसे नकली नोट छापे जा रहे थे। यह भी पढ़ें
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सोशल मीडिया और पाकिस्तान कनेक्शन
पुलिस जांच में नूरी बाबा के सोशल मीडिया अकाउंट्स से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उसके अकाउंट पर पाकिस्तान से जुड़े पोस्ट और हरे झंडे के साथ तस्वीरें मिली हैं जिसे पाकिस्तानी झंडा बताया जा रहा है। इन सबने उसकी गतिविधियों को और संदिग्ध बना दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उसका पाकिस्तान प्रेम भी उजागर हो रहा है। ऐसे में कहीं उसके तार आईएसआई से भी तो नहीं जुड़े हैं। इसको लेकर सवाल उठने लगा है।यूट्यूब से सीखा नकली नोट छापने का तरीका
बीते सप्ताह श्रावस्ती पुलिस और एसओजी की टीम ने नकली नोटों के गिरोह से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 34,000 रुपये के नकली नोट और प्रिंटिंग उपकरण बरामद हुए थे। मदरसे को नकली नोट छापने का अड्डा बना दिया गया था। आरोपियों ने यूट्यूब से नकली नोट छापने का तरीका सीखा था। वे असली नोट को प्रिंट कर स्कैनिंग के जरिए नकली नोट तैयार करते और इन्हें ग्रामीण इलाकों में चलाते थे। यह भी पढ़ें
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नूरी बाबा उर्फ मुबारक अली का आपराधिक इतिहास
नूरी बाबा उर्फ मुबारक अली पर पहले से चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। जानकारी सामने आई है कि उसकी पांच पत्नियां हैं जिनमें से एक मदरसे में पढ़ाती है और दूसरी घर में रहती है। बाकी तीन पत्नियों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि वह अपने व्यवहार से सामान्य व्यक्ति की छवि बनाए हुए था, लेकिन उसके काले कारनामे अब सामने आ गए हैं।
पुलिस ने नूरी बाबा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच तेज कर दी है। साथ ही उसके अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भी पड़ताल की जा रही है। नकली नोटों के इस बड़े रैकेट का खुलासा प्रशासन के लिए एक बड़ी सफलता है लेकिन इसने सुरक्षा और निगरानी के कई सवाल भी खड़े किए हैं।