Basic Education: श्रावस्ती जिले के भिनगा कोतवाली के गांव गोड़पुरवा के रहने वाले मनोहर लाल यादव दिल्ली में रहकर रिक्शा चलाने का काम करते है। वह बिल्कुल पढ़े-लिखे नहीं है। यहां तक की अपना नाम भी नहीं लिख पाते हैं। उनका पूरा परिवार गांव में रहता है। बीते करीब 5 दिन पहले उन्हें रजिस्टर्ड डाक के जरिए बेसिक शिक्षा विभाग से एक नोटिस मिली। जब वह नोटिस उस अनपढ़ व्यक्ति ने दूसरे से ले जाकर पढाया तो वह दंग रह गया। गांव आसपास पड़ोस में जिसने भी यह बात सुनी सभी लोग विभाग को कोसते हुए नजर आए। अब रिक्शा चालक नोटिस लेकर दर-दर भटक रहा है। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नोटिस निरस्त कर दी गई है। लेकिन विभाग की इस लापरवाही पर सवाल तो उठ ही रहे हैं।
फर्जी शिक्षक के नाम पर अनपढ़ रिक्शा चालक को भेजा नोटिस
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा रिक्शा चालक को भेजे गए नोटिस में कहा गया कि अंबेडकर नगर जिले के अकबरपुर तहसील के गांव सीहमई के रहने वाले सुरेंद्र प्रताप सिंह पुत्र मन बहादुर सिंह के नाम पते पर रिक्शा चालक मनोहर यादव उच्च प्राथमिक विद्यालय नव्वा पुरवा में सहायक शिक्षक के पद पर फर्जी तरीके से नियुक्त थे। उसके द्वारा बीते 14 जुलाई वर्ष 2020 तक 51 लाख 63000 रुपये वेतन के रूप में लिया गया है। उसे वो हफ्ते भर में श्रावस्ती के कोषागार में जमा कर दें। अन्यथा वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी यह भी पढ़ें