MP News : स्वास्थ्य ही जीवन का मूलमंत्र है, अस्वस्थता एक अभिशाप है। 18 बटालियन में वृहद स्वास्थ्य शिविर लगाना हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। तथागत फाउंडेशन के द्वारा पुलिसकर्मीयों के लिए लगातार स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं। ये बात मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बदरवास में आयोजित स्वास्थ्य शिविर के दौरान मंच से मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए 18 बटालियन के सेनानी आलोक कुमार सिंह ने कही।
वहीं तथागत फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी आलोक एम. इंदौरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुलिस कर्मी हम सभी की सुरक्षा के लिए कठिन परिश्रम और डूयूटी करते हैं। इस कठिन डूयूटी के कारण वे कई बार अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाते और उनका और उनके परिजन के स्वास्थ्य की देखभाल करने का दायित्व सामाजिक संस्थाओं का भी है। तथागत फाउंडेशन अपने इस दायित्व का निर्वहन कर रही है और इस बार हमारे सहयोगी आरोग्य भारती है।
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इन हस्तियों ने किया स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ
मेघा स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ मंचासीन अतिथि कमांडेंट आलोक कुमार सिंह, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. आशुतोष चौरषी, तथागत फाउंडेशन के अध्यक्ष आलोक एम इंदौरिया, आरोग्य भारती के सहपालक डॉ. पीके खरे, जिला अध्यक्ष डॉ. गिरीश दुबे एवं कार्यक्रम के संयोजक रवि गोयल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। यह भी पढ़ें- बॉयज हॉस्टल में सिलेंडर ब्लास्ट, 8 बच्चों के साथ रसोईया घायल, मची भगदड़
चिकित्सकों को दिये गए सम्मान पत्र
तथागत फाउंडेशन द्वारा आरोग्य भारती और मेडिकल कॉलेज के सहयोग से आयोजित इस शिविर में 18 बटालियन की ओर से मंच और समस्त चिकित्सक गणों का माल्यार्पण के द्वारा कमांडेंट आलोक कुमार सिंह ने स्वागत किया गया। वहीं 18 बटालियन की ओर से चिकित्सकों को सम्मान पत्र भी दिये गए। इस कैंप में 350 से अधिक मरीजों स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और 18 बटालियन के इतिहास में कमांडेंट आलोक कुमार सिंह नेतृत्व में पहली बार इतना मेघा शिविर आयोजित किया हैं। यह भी पढ़ें- MP में भीषण सड़क हादसा : 30 लोगों से भरी ट्रैक्टर ट्राली पलटी, 4 की मौत 10 की हालत गंभीर
इन्होंने शिविर को बनाया सफल
कैंप को सफल बनाने में डिप्टी कमांडेंट मनोज वर्मा, असिस्टेंट कमांडेंट रितु केबरे, सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र कुमार, सब इंस्पेक्टर अनूप लोधी, सब इंस्पेक्टर भुवनेश गौतम समेत तथागत फाउंडेशन के राजेश गुप्ता, राहुल गंगवाल, राजेन्द्र राठौर, लवलेश जैन चीनू, अजय राजपूत, रवि गोयल, संतोष शिवहरे, नीरज कुमार छोटू, श्वेता और आकांक्षा गौड़ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। -करीब 350 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। -एस.ए.एफ कर्मियों की शुगर-बीपी की जांच की गई। -मेडिसिन में डॉ. गिरीश दुबे ने 132 मरीजों का परीक्षण किया और 20 मरीजों की ईसीजी की गई। इसमें शुगर, हाइपरटेंशन, एसिडिटी और पेट से संबंधित मरीज सर्वाधिक रहे।
-डॉ. प्रदीप राजोरिया ने चैस्ट रोग में 28 मरीज देखे, जिनमें 14 अस्थमा के 6 एलर्जी और 5 मैरिज ब्रोंकाइटिस के थे। -डॉ.दिनेश अग्रवाल ने आंखों के करीब 100 मरीजों के टेस्ट किए, जिसमें दो मोतियाबिंद के मरीज थे और 30 मरीजों को चश्में की जरूरत थी। मोतियाबिंद के मरीज का बुधवार को ऑपरेशन किया जाएगा।
-मनोचिकित्सक डॉ. देवेश व्यास ने 10 मरीज देखे, जो यह क्या न्यूरोसाइकाइट्रिक के थे। -डॉ प्रीतम कतरौलिया ने चर्मरोग में 125 मरीज देखे एक्ने के 40 काले दाग, धब्बे और फंगल इन्फेक्शन के कुल 60 मरीजों के हेल्थ चेकअप किए गए।
-स्त्री रोग में डॉ. डोली नागोरिया ने 20 महिला मरीज देखे, जिसमें कुछ मरीजों को यू.एस.डी और पेप्सीमीयर की शिकायत पाई गई। -बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनूप गर्ग ने 40 बच्चों का मेडिकल परीक्ष किया। इनमें सभी बच्चे मौसमी बीमारियों से ग्रसित पाए गए थे।
-डॉ. अरविंद करोरिया ने अस्थि रोग में 80 मरीज देखे, जिसमें एक मरीज के घुटने की सर्जरी होना है, बाकी कमर दर्द और हड्डियों की कमजोरी से परेशान थे। -डॉ. अलीशा सिंह ने दातों के 65 मरीजों के टेस्ट किये। एक मरीज को मुख कैंसर के प्री स्टेज की संभावना पाई गई। अन्य दांतों में पानी लगना, कैविटी आदि से पीड़ित थे।
-ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. मेघा प्रभाकर ने 50 से अधिक मरीजों को दिखा, जिसमें एलर्जी, कानों से मवाद आना, कम सुनाई देना और बच्चों में टॉन्सिल्स की बीमारी पाई गई।