अभियोजन के मुताबिक कोलारस के ग्राम खरई में रहने वाले दो पक्षों के बीच 2 मार्च 2017 को पुराने केस में गवाही देने के चलते विवाद हो गया था। घटना में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की जमकर मारपीट की और मरणासन्न कर दिया। घटना में एक पक्ष का एक युवक दीवान उर्फ दिमना जाटव की ग्वालियर अस्पताल में इलाज के दौरान 14 अप्रेल 2017 को मौत हो गई। पुलिस ने घटना वाले दिन दोनों पक्षों पर मारपीट व बलवा की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था, लेकिन एक पक्ष से दीवान उर्फ दिमना की मौत होने के बाद पुलिस ने एक पक्ष के 8 लोगों रामप्रसाद (40)पुत्र भूरा जाटव, रामवीर (30)पुत्र मांगीलाल जाटव, हरवीर (23)पुत्र बलदेवा जाटव, मनोज(25)पुत्र बलदेवा जाटव, अमरलाल (35)पुत्र कमरू जाटव, बलदेवा(65) पुत्र रूपा जाटव, जगदीश (30)पुत्र भैरोलाल जाटव व काशी उर्फ काशीराम(35) पुत्र निरपतिया जाटव निवासीगण खरई कोलारस के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया। जबकि दूसरे पक्ष के रमेश (48)पुत्र लालचंद्र जाटव, सुदंरलाल (45)पुत्र ओमकार जाटव, जयभगवान(36)पुत्र ओमकारलाल जाटव, मानङ्क्षसह (65)पुत्र लालचंद्र जाटव व ओमकार (70)पुत्र लालचंद्र जाटव निवासीगण खरई कोलारस के खिलाफ मारपीट, बलवा की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
दोनों मामलों में पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। मामले में सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने पहले पक्ष से सभी 8 लोगों को मृतक दीवान उर्फ दिमना की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व अर्थदंड व दूसरे पक्ष के 5 लोगों को मारपीट के मामले में दोषी मानते हुए दो-दो साल कैद व अर्थदंड की सजा सुनाई है। यहां बता दें कि दोनों पक्ष एक ही समाज से हंै और आरोपियों में एक ही परिवार के लोग हंै। आजीवन कारावास की सजा पाने वाले आरोपियों में दो सगे भाई व उनका पिता भी शामिल है।