शिवपुरी

जन-गण-मन यात्रा का एमपी में दूसरा दिन : गुलाब कोठारी बोले- चुनावी मैदान सिर्फ प्रत्याशी का नहीं, मतदाता का भी है

जन-गण-मन यात्रा का मध्यप्रदेश में दूसरा दिन : संवाद में बोले पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी- चुनावी मैदान में सिर्फ प्रत्याशी ही नहीं मतदाता भी है, क्योंकि बटन उसी को दबाना है। गुना से तीन पड़ाव में 122 किमी का सफर तय कर शिवपुरी पहुंचा कारवां।

शिवपुरीNov 08, 2023 / 08:47 am

Faiz

जन-गण-मन यात्रा का एमपी में दूसरा दिन : गुलाब कोठारी बोले- चुनावी मैदान सिर्फ प्रत्याशी का नहीं, मतदाता का भी है

प्रदेश में सियासी सरगर्मियों के बीच पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी की जन-गण-मन यात्रा मध्यप्रदेश में दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। यात्रा गुना से रवाना होकर 122 किमी का सफर तय कर शाम शिवपुरी पहुंची। इस दौरान गुलाब कोठारी ने संवाद में कहा कि चुनावी मैदान में सिर्फ प्रत्याशी ही नहीं बल्कि मतदाता भी हैं। क्योंकि बटन उन्हीं को दबाना है। ये लोकतंत्र दलों का नहीं बल्कि हमारा है।

प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा कि चुनाव शब्द अब गायब हो गया है इसकी जगह लड़ाई शब्द का इस्तेमाल होने लगा है ये एक युद्ध क्षेत्र की तरह हो गया है साथ ही हर चीज के ऊपर प्राइस टैग लग गया है विधायक को खरीदना हो तो उसका भी प्राइस तय हो गया है किसी प्रत्याशी या विधायक को बैठाना है तो उसका भी प्राइस तय हो गया है और आज जो फ्री बीज के रूप में बांटे जा रहे हैं मैं इसे भी एक प्राइस टैग के रूप में मानता हूं हमें जो भी मुफ्त में मिल रहा है हम उसे लेकर मौन हो रहे है।

इसपर लोगों ने कहा कि ऐसा पहली बार रहा है जब कोई अखबार जनता की नब्ज इस तरह से टटोलने के लिए निकला है। इस दौरान जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, व्यापारी, किसान और महिलाओं के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों से संवाद कर क्षेत्रीय मुद्दों को पकड़ने की कोशिश की गई।

 

पहला पड़ाव- गुना से म्याना : दूरी- 35 किमी

गुना जिले से रवाना होने के बाद पहला पड़ाव बमौरी विधानसभा क्षेत्र के म्याना गांव रहा। यहां किसानों और जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों से यात्रा का स्वागत किया। उन्होंने वन-टू-वन संवाद कर क्षेत्रीय मुद्दे जानने की कोशिश की। इसमें किसानों की कर्जमाफी, बिजली कटौती, खाद-बीज संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।


दूसरा पड़ाव- म्याना से बदरवास : दूरी- 20 किमी

जन गण मन यात्रा का कारवां शिवपुरी जिले के बदरवास पहुंचा। जहां ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी से यात्रा का स्वागत हुआ। इस दौरान युवाओं, महिलाओं, जनप्रतिनिधि और किसानों से वन-टू-वन संवाद किया गया। खेल मैदान, उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज समेत क्षेत्र में जाम पर लोगों ने चर्चा की।


तीसरा पड़ाव- बदरवास से कोलारस : दूरी- 15 किमी

बदरवास से यात्रा कोलारस विधानसभा क्षेत्र पहुंची। यहां जनप्रतिनिधि, वकील, व्यापारी, महिलाओं और समाजसेवियों ने यात्रा का स्वागत किया। क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान क्षेत्र की प्रमुख समस्या के रूप में बेरोजगारी, गर्मी में जल संकट और शिक्षा और चिकित्सा के मामले में पिछड़ापन सामने आए।


चौथा पड़ाव- कोलारस से चलकर शिवपुरी : दूरी- 52

जन-गण-मन का कारावां कोलारस से शिवपुरी पहुंचा। यहां जैन समाज सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने यात्रा का स्वागत किया। सवाल-जवाब कार्यक्रम में कोठारी ने युवाओं, जनप्रतिनिधियों और आम लोगों की जिझासाओं को शांत किया। कई प्रतिनिधिमंडलों से वन टू वन वार्ता हुई।

 

आज ग्वालियर के लिए निकली यात्रा

जन-गण-मन यात्रा का कारवां बुधवार को शिवपुरी से ग्वालियर के लिए रवाना होगा। इस दौरान यात्रा पिछोर, दतिया होते हुए ग्वालियर पहुंचेगी। यात्रा कुल 326 किमी का सफर तय करेगी।


आम मतदाताओं की राय

– बच्चियों को छोड़नी पड़ती है पढ़ाई

म्याना के विक्रम सिंह गुर्जर का कहना है कि यहां बड़ी समस्या तहसील और कॉलेज की है। जिसे किसानों को 35 किमी गुना जाना पड़ता है और अगर अधिकारी नहीं मिले तो समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं। कॉलेज के अभाव में गांवों की बच्चियों को बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है।


– रोजगार का अभाव

बदरवास के रहने वाले सार्थक गर्ग का कहना है कि यहां रोजगार की सबसे ज्यादा समस्या है। इसी का नतीजा है कि युवाओं को रोजगार की तलाश में बाहर का रूख करना पड़ता है। खेल मैदान नहीं होना और ढंग के कॉलेज नहीं होने से युवा वर्ग परेशान है।

 

-शहर में उद्योग धंधों का अभाव

कोलारस के रहने वाले सतीश सक्सेना ने बताया कि शहर में उद्योग धंधों का सबसे ज्यादा अभाव है। आपको बेरोजगार घर- घर मिल जाएंगे। साथ ही सरकारी अस्पताल के हालत इस कदर खराब है कि यहां ढूंढने से डॉक्टर नहीं मिलेगा। इलाज करवाना है तो मोटा पैसा खर्चा करिए और प्राइवेट अस्पात जाइए।


– मड़ीखेड़ा पेयजल परियोजना सबसे पड़ी समस्या

शिवपुरी निवासी अभय जैन का कहना है कि हमारे शहर की सबसे बड़ी समस्या मड़ीखेड़ा पेयजल परियोजना है, जो साल 2009 से अटकी पड़ी है। दुर्भाग्य की बात है कि जिस योजना को दो साल में पूरा होना था। वो अभी तक अधूर है। दूसरी बड़ी परियोजना सीवर प्रोजेक्ट भी वर्षों से अधूरा है। इस प्रोजेक्ट में सालों से सिर्फ खुदाई चल रही है।

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