जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मीपुरा गांव में रहने वाले वासुदेव और उनकी पत्नी रुकमणि किसी परिचित के घर गमी में शामिल होने धौलपुर गए थे। वासुदेव अपनी तीन बेटियों, जिनमें अनुष्का, संध्या और ज्योति को अपने पिता हजारी बंजारा के पास छोड़ गए थे। 65 वर्षीय बुजुर्ग हजारी बंजारा अपनी दो पोती संध्या (5) ज्योति (4) और अनुष्का (7) के साथ झोपड़ी में सो रहे थे। इसी दौरान रात करीब 11 बजे झोपड़ों में अज्ञात कारणों से आग लग गई।
4 साल की मासूम जैसे तैसे बाहर निकल गई
बताया जा रहा है कि हजारी बंजारा के साथ संध्या और अनुष्का एक पलंग पर सो रही थी। जबकि, ज्योति अलग पलंग पर सो रही थी। झोपड़ी में आग लगते ही ज्योति की आंख खुल गई। इसके बाद चार साल की मासूम आग की लपटों के बीच से जैसे-तैसे झोपड़ी से बाहर निकल गई। लेकिन संध्या, अनुष्का के साथ उसके दादा हजारी झोपड़ी में ही फंसे रह गए। यह भी पढ़ें- 2 युवाओं की मौत के बाद रतलाम में तनाव, भीड़ ने पथराव किया तो पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, किया लाठीचार्ज
1 घंटे की मशक्कत के बाद बुझी आग
बताया जा रहा है कि, ज्योति ने पड़ोस में रह रहे अपने चाचा जीतेन्द्र बंजारा को आग लगने की सूचना दी थी। बाद में ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाने के प्रयास पास में लगी सिंघल फेस से पानी की मोटर से शुरू किये थे। सुचना के बाद मोके पर पुलिस सहित एम्बुलेंस और फायर बिग्रेड पहुंची, जिसके बाद करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद दमकल दल ने आग पर काबू पाया।दादा-पोती की मौके पर मौत, दूसरी पोती की तल रही थी सांसे
बताया गया हैं झोपड़ी के ऊपर घांसफूस का छप्पर डला हुआ था। जो जलकर हजारी और उसकी दो पोतियों के ऊपर गिर गया था। जिससे वज जलते छप्पर के नीचे दब गईं। इसके चलते उनकी मौत हो गई। बता दें आग बुझाने के बाद तीनों को झोपड़ी से बाहर निकाला गया था। हजारी और अनुष्का की मौके पर मौत हो गई थी। लेकिन, संध्या की सांसे चल रही थी। उसे तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया, जहां से उसे ग्वालियर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। हालांकि, ग्वालियर ले जाते समय रास्ते में उस मासूम ने भी दम तोड़ दिया। यह भी पढ़ें- स्टेज पर नाच रही डांसर को लगी गोली, मचा हड़कंप