ऐसे समझें पूरा मामला
हर महीने की 3 या 4 तारीख को बिजली कंपनी का मीटर रीडर घर-घर जाकर न केवल रीडिंग लेता है, जिसके चलते हर घर में होने वाली बिजली की खपत का सही आंकलन होने के बाद उसका बिल तैयार किया जाता है। लेकिन इस बार बिजली कंपनी के मीटर रीडर 13 अप्रेल को घरों पर पहुंचे। चूंकि हर दिन मीटर रीडिंग बढ़ती है तथा जो रीडिंग 10 दिन पहले होनी थी, वो इतने दिनों में बढ़ जाएगी। तो फिर जिन उपभोक्ताओं को 100 यूनिट से कम खपत होने पर सौ रुपए का बिल आता था, उनकी यूनिट बढ़ जाने से अब उन्हें मिलने वाली सब्सिडी नहीं मिलेगी तथा अधिक बिल अदा करना होगा।
पति को मारकर कार की डिग्गी में डाला, करीब 600 किमी. दूर ठिकाने लगाई लाश, खुला राज
हर यूनिट पर अलग-अलग है टेरिफ
बिजली कंपनी ने बिजली खपत की यूनिट के हिसाब से टेरिफ रेट फिक्स की है। जिसमें 100 यूनिट से कम बिजली खपत में जहां सब्सिडी देने के साथ ही सौ रुपए का बिल दिया जाता है, वहीं 150 से 200 यूनिट पर प्रति यूनिट अलग रेट लगाया जाता है और 200 से 300 यूनिट पर और अधिक रेट तथा उससे अधिक पर अलग रेट में प्रति यूनिट खपत का बिल दिया जाता है। 10 दिन देरी से रीडिंग होने से उक्त सभी उपभोक्ताओं की खपत यूनिट बढ़ जाएंगी तथा उन्हें बढ़े हुए रेट के अनुसार ही बिल अदा करना पड़ेगा।