गिरे आधा दर्जन मकान, दो हुए घायल
लगातार हो रही बारिश के चलते कच्चे मकानों के अलावा उन पुराने भवनों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, जिनकी दीवारों में पानी रिसकर बैठ रहा है। बीती रात बदरवास के ग्राम बरखेड़ा की आदिवासी बस्ती में तेज बारिश व बिजली गरजने से आधा दर्जन कच्चे मकान धराशायी हो गए है। जिनमें रमेश सहरिया, रामकृष्ण सहरिया, सिंनु सहरिया, गजेंद्र सहरिया, रघुवीर सहरिया, लल्लू, इंदर, इमरत के मकानों की दीवारें ढह गईं। मकान ढहने से रामकुंवर बाई पत्नी समरथ सहरिया व गुड्डीबाई पत्नी लल्लू सहरिया घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए गुना ले जाया गया। वहीं बरखेड़ा में रहने वाले रघुराज यादव के बछड़े की बिजली गिरने से मौत हो गई।
लगातार हो रही बारिश के चलते कच्चे मकानों के अलावा उन पुराने भवनों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, जिनकी दीवारों में पानी रिसकर बैठ रहा है। बीती रात बदरवास के ग्राम बरखेड़ा की आदिवासी बस्ती में तेज बारिश व बिजली गरजने से आधा दर्जन कच्चे मकान धराशायी हो गए है। जिनमें रमेश सहरिया, रामकृष्ण सहरिया, सिंनु सहरिया, गजेंद्र सहरिया, रघुवीर सहरिया, लल्लू, इंदर, इमरत के मकानों की दीवारें ढह गईं। मकान ढहने से रामकुंवर बाई पत्नी समरथ सहरिया व गुड्डीबाई पत्नी लल्लू सहरिया घायल हो गए, जिन्हें उपचार के लिए गुना ले जाया गया। वहीं बरखेड़ा में रहने वाले रघुराज यादव के बछड़े की बिजली गिरने से मौत हो गई।
फसलों के लिए अब खतरा बन रही बारिश
जिले के कोलारस, बदरवास व रन्नौद सहित अमोला क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के अलावा यहां पर बारिश एक हजार मिमी से अधिक हो जाने की वजह से फसलों को खतरा उत्पन्न हो गया है। खेतों में पानी भरा होने व धूप न निकलने से सोयाबीन व उड़द जैसी फसलों में तैयार हुए दाने में नमी आ गई है, जिससे उसकी क्वालिटी बिगडऩे का खतरा उत्पन्न हो गया है। इतना ही नहीं जहां फसल तैयार हो गई है और पानी भरा होने से यदि पौधे झुक कर टेड़े हो गए तो दानों में अंकुरण हो जाएगा। जो किसान के लिए नुकसानदायक होगा।
जिले के कोलारस, बदरवास व रन्नौद सहित अमोला क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के अलावा यहां पर बारिश एक हजार मिमी से अधिक हो जाने की वजह से फसलों को खतरा उत्पन्न हो गया है। खेतों में पानी भरा होने व धूप न निकलने से सोयाबीन व उड़द जैसी फसलों में तैयार हुए दाने में नमी आ गई है, जिससे उसकी क्वालिटी बिगडऩे का खतरा उत्पन्न हो गया है। इतना ही नहीं जहां फसल तैयार हो गई है और पानी भरा होने से यदि पौधे झुक कर टेड़े हो गए तो दानों में अंकुरण हो जाएगा। जो किसान के लिए नुकसानदायक होगा।