बेटा तो हमेशा के लिए चला गया अब कौन बनेगा सहारा वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस घटना को ह्रदय को अंदर तक झकझोर देने वाला बताते हुए उन्होंने तुरंत प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसी सिलावट को निर्देश दिया कि उक्त घटना के लिए जो भी डॉक्टर या कर्मचारी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, सभ्य समाज मे इस प्रकार के अमानवीय व्यवहार के लिए कोई स्थान नही होना चाहिए। जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीज बालचंद लोधी (40) की मंगलवार सुबह मौत हो गई। अस्पताल स्टाफ ने शव को वहीं पर मरीजों के पास ही छोड़ दिया। लगभग 5 घंटे तक पड़े रहे शव में चींटियां लग गईं। जब दोपहर में म्रतक की पत्नी आई और उसने कपड़ा हटाकर देखा तो चेहरे व आंखों में चींटियां भरी हुई थीं। सीएमएचओ डॉ अर्जुनलाल शर्मा का कहना है कि हम इस मामले की जांच करवाएंगे। लेकिन अस्पताल का यह पहला मामला नहीं है बल्कि प्रबन्धन की लापरवाही के चलते बीते 4 दिनों में दो प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। इससे पहले प्रसूता वार्ड में नवजात के पैर चूहे कुतर चुके हैं। हर बार स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं, लेकिन आज तक किसी भी जांच में किसी भी दोषी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
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मरीजों ने बुलाया मृतक की पत्नी को
अस्पताल प्रबंधन किस कदर लापरवाह है, इसकी बानगी इस बात से मिलती है कि न सिर्फ स्टाफ को मरीजों ने सूचना दी, बल्कि 11 बजे तक जब कोई मृतक बालचंद की सुध नहीं लेने आया तो मरीजों ने ही उसकी पत्नी रामश्री लोधी को बुलाया गया।
मरीजों ने बुलाया मृतक की पत्नी को
अस्पताल प्रबंधन किस कदर लापरवाह है, इसकी बानगी इस बात से मिलती है कि न सिर्फ स्टाफ को मरीजों ने सूचना दी, बल्कि 11 बजे तक जब कोई मृतक बालचंद की सुध नहीं लेने आया तो मरीजों ने ही उसकी पत्नी रामश्री लोधी को बुलाया गया।
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रोते-रोते रामश्री ने पल्लू से हटाईं चीटियां
जैसे ही रामश्री सूचना मिलने के बाद अस्पताल आई वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसने अपने पति की आंख पर चीटियां देखी तो अवाक रह गई। मौके पर मौजूद मरीजों के मुताबिक ऐसे में रामश्री ने ही पल्लू से चीटियां आंख से हटाईं। बाद में अपने पति के शव को जैसे-तैसे मरीजों के सहयोग से ही अस्पताल से लेकर गई।
रोते-रोते रामश्री ने पल्लू से हटाईं चीटियां
जैसे ही रामश्री सूचना मिलने के बाद अस्पताल आई वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसने अपने पति की आंख पर चीटियां देखी तो अवाक रह गई। मौके पर मौजूद मरीजों के मुताबिक ऐसे में रामश्री ने ही पल्लू से चीटियां आंख से हटाईं। बाद में अपने पति के शव को जैसे-तैसे मरीजों के सहयोग से ही अस्पताल से लेकर गई।
नवजात की उंगुली भी काट चुके हैं चूहे
जिला अस्पताल में एक दो नहीं बल्कि कई शर्मशार करने वाली घटनाएं सामने आई हैं। करीब एक साल पहले जिला अस्पताल में चूहों ने एक न नवजात की अंगुली काट ली थी। इसके बाद इस मामले ने तूल पकडा तो उसके बाद जिला अस्पताल में चूहें पकडऩे का अभियान चलाया था, लेकिन अब भी जिला अस्पताल में चूहे मरीजों बीच धमाचौकड़ी मचाते हुए देखे जा सकते हैं।
अस्पताल में भर्ती मरीज की हो चुकी हैं हत्या
कुछ माह पहले जिला अस्पताल में भर्ती मरीज की गला रेतकर सनसनीखेज हत्या कर दी गई थी। मरीज टीबी से पीडित था और उसे एक महिला ने भर्ती कराया था। जिसके बाद जमीनी विवाद के चलते सुबह के समय मरीज की गर्दन चाकू से रेतकर उसकी हत्या कर दी गई थी और उसके बाद किसी तरह से पुलिस ने इस मामले का पटाक्षेप किया और आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
सिविल सर्जन, जिला अस्पताल पीके खरे ने बताया कि मेरे संज्ञान में मामला आया है, हम पता करवाते हैं कि कहां लापरवाही हुई है।