जिलाधिकारी शिवपुरी ने 24 मई को एसडीएम पोहरी को आदेश जारी कर बालिका को बंधुआ मजदूरी से मुक्ति दिलाने के लिए निर्देश दिए। इसके बाद एसडीएम के नेतृत्व में गठित रेस्क्यू टीम एवं बंधुआ मुक्ति मोर्चा की टीम ने पोहरी ब्लॉक की गलियां छानीं, लेकिन बालिका का पता नहीं चला। फिर 25 मई को बालिका को प्रशासन की गठित टीम एवं बंधुआ मुक्ति मोर्चा की टीम ने इंदर सिंह गुर्जर पुत्र मोहन सिंह गुर्जर गांव आकुर्सी जिला शिवपुरी के खेत पर बने मकान से बालिका को मुक्त करवा लिया। बालिका ने रेस्क्यू टीम को बताया कि 15 हजार के कर्ज को उतारने के लिए इंदर सिंह उसे भोपाल से शिवपुरी अपने घर पर घरेलू काम करवाने के लिए ले आया और उसके बाद उससे जबरदस्ती काम लेने लगा। बालिका ने रेस्क्यू टीम को यह भी बताया कि उसके साथ दैहिक शोषण एवं आर्थिक शोषण किया जा रहा है। काम के बदले उसे किसी प्रकार का कोई भी दाम नहीं मिल रहा है। इंदर सिंह गुर्जर एवं उसके परिवार के साथी उसे अपनी मां से भी फोन पर बात नहीं करने देते।
बालिका को मुक्त कराने वाली टीम में विजय कुमार शर्मा तहसीलदार बैराड़, नितिन भार्गव सब इंस्पेक्टर थाना बैराड़, राजेंद्र तिवारी थाना बैराड़, रंजीत चौधरी, प्रभु दयाल, मुकेश कुमार गुप्ता, विनय राजपूत पटवारी हल्का आकुर्सी एवं बंधुआ मुक्ति मोर्चा गुना के नरेंद्र भदौरिया मौके पर उपस्थित थे। बंधुआ मुक्ति मोर्चा के जनरल सेक्रेटरी निर्मल गोराना ने बताया कि बालिका को तत्काल मुक्ति प्रमाण पत्र जारी करके 20 हजार रुपए की तत्काल सहायता राशि बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास की योजना 2016 के तहत प्रदान कर पुलिस संरक्षण के साथ उसे उसके निवास स्थान भोपाल भेजना चाहिए। वहीं बैराड़ थाना प्रभारी सतीश चौहान का कहना है कि इस मामले में बंधुआ बनाने वाले के खिलाफ भोपाल में मामला दर्ज किया जाएगा।