पत्रिका ने शहर की 9 राशन दुकानों का सर्वे कर गेहूं की गुणवत्ता देखी। जिनमें से 2 दुकानों पर लोग घुना एवं सड़ा हुआ गेहूं लेते मिले। राशन दुकानों पर ऐसा गेहूं हितग्राहियों को दिया जा रहा है, जो जानवर भी खाना पसंद नहीं करेंगे। सोमवार को किए सर्वे में आर्य समाज रोड़ वार्ड 8 की कंट्रोल पर राशन उपभोक्ताओं को जो गेहूं दिया गया, वह पूरी तरह से घुन लगा हुआ था।
गेहूं में हाथ डालते ही सफेद हो गए
गेहूं में हाथ डालने पर हाथ पर एक घुन की सफेदी छा गई। इस बारे में जब कंट्रोल संचालक मनोज गुरुंग से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि इस बार का राशन ऐसा ही उतरा है, राशन ऊपर से ही ऐसा आ रहा है। हम किसी अधिकारी से शिकायत करेंगे या आवाज उठाएंगे तो हम पर ही कार्रवाई हो जाएगी। इसके बाद टीम शहर के वार्ड 12 की राशन दुकान पर पहुंची तो यहां गरीब उपभोक्ताओं को जो चावल दिया गया, उसमें चूहे का मल एवं मूत्र मिला हुआ था। उपभोक्ताओं में शामिल महिला शबनम बानो का कहना है कि उन्हें तो हर माह ही ऐसा राशन मिलता है, क्या करें कोई सुनने वाला नहीं हैं।
सात दुकानों पर लटका मिला ताला
सरकार की ओर से भेजा गया यह राशन चेकिंग के बाद उचित मूल्य की दुकानों तक पहुंचाया जाता है, इसके बाद भी यदि इसमें इस तरह की गंदगी आ रही है तो यह बड़ा सवाल मिलावट खोरों की सेटिंग की और इशारा कर रहा है। नियम के तहत महीने में रविवार एवं कोई विशेष दिन, त्योहार छोड़ दिया जाए तो हर दिन राशन दुकानें खोलने का नियम है। बावजूद सोमवार को किए 9 दुकानों के सर्वे में 7 पर ताला लटका मिला। जबकि कई दुकानों के बाहर उपभोक्ता चक्कर लगाकर घर जा चुके थे।