शिक्षा विभाग में अपर सचिव के नाम से मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बदरवास विकासखंड में सोमवार को आए तथा कथित फर्जी फोन कॉल में नया खुलासा हुआ है। जिसमें उक्त फर्जी फोन कॉल करने वाले ने कई शिक्षकों को धमकी देकर उनसे हजारों रुपए की राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली। पत्रिका द्वारा मामले का खुलासा करने पर बदरवास ब्लॉक के रन्नौद पुलिस थाने में मंगलवार को शिक्षिका की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वहीं कई शिक्षक ठगी का शिकार होने से बच गए।
गौरतलब है कि बदरवास ब्लॉक में सोमवार को कई शिक्षकों के पास खासकर शिक्षिकाओं को भोपाल से शिक्षा विभाग का अपर सचिव बनकर सुनील जैन के नाम से फोन कॉल आए थे, साथ ही उन्हें फर्जी तरीके से धमकी दी गई कि आपकी शिकायत सीएम हेल्प लाइन में दर्ज है। आप लोग नियमित विद्यालय न जाते हुए अनियमितताएं कर रहे हैं, जिसका नोटिस 24 घंटे में आपको पहुंच जाएगा। कार्रवाई के तहतकम से कम 3 माह के लिए आपको निलंबित कर दिया जाएगा। पत्रिका ने इस खबर को मंगलवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया तथा कई शिक्षकों को फर्जी कॉल करने वाले की धोखाधड़ी से बचा लिया।
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ये शिक्षक दहशत में आए
बरखेड़ा खुर्द विद्यालय की शिक्षिका दिव्यांशी दीक्षित, सांडर विद्यालय की शिक्षिका उमा भील, सूखाराजापुर विद्यालय की शिक्षिका रामदेवी समेत कई अन्य शिक्षिकाओं को मोबाइल नंबर 7388377632 से तथाकथित व्यक्ति ने फोन लगाए, जिससे वो डर गईं तथा दहशत में आ गईं।
शिक्षिका के साथ हुई ठगी
सूखा राजापुर की शिक्षिका रामदेवी पत्नी पवन कुमार गौड़ ने एफआईआर में दर्ज कराई है कि, मैं सूखा राजापुर प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ हूं। मेरे पास 29 जनवरी को मोबाइल नंबर 7388377532 से किसी अपर सचिव शिक्षा विभाग के नाम से फोन आया और मुझे धमकी दी गई की तुम नियमित विद्यालय नहीं जाती और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत है। तुम्हें निलंबित कर दिया जाएगा। इसका नोटिस 23 घंटे में तुम्हारे पास भेज दिया जाएगा। आप मामला निपटना चाहती हो तो 20 हजार रुपए देना पड़ेगे। जिससे मैं डर गई और उसने मुझे फोन-पे नंबर 9452922797 पर राशि ट्रांसफर करने को कहा। उक्त नंबर पर पैसे सेंड न होने पर दूसरा नंबर 6388068416 दिया, जिसपर मैने डर के कारण 20 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए।
कई शिक्षक ठगी का शिकार होने से बचे
उक्त फोन कॉल करने वाले फर्जी व्यक्ति ने कई लोगों से धमकी देकर पैसे ऐंठने का प्रयास किया। कई शिक्षकों ने खाते में पैसे न होने की बात कही तो फर्जी व्यक्ति ने वेतन आने पर पैसे ट्रांसफर करने की धमकी दी। पत्रिका द्वारा मामले का खुलासा करने से कई शिक्षक ठगी का शिकार होने से बच गए।
पत्रिका खुलासा न करता तो वेतन आते ही कई शिक्षक दे देते रुपए
बदरवास जनपद शिक्षण केंद्र के अंतर्गत आने वाले जिन स्कूलों पर अपर सचिव सुनील जैन के नाम से फोन लगाए गए थे एवं निलंबन करने की धमकी दी गई थी। उक्त शिक्षकों के द्वारा वेतन आते ही उन्हें रुपए देने की बात कही थी, लेकिन पूरा मामला जैसे ही पत्रिका ने खोला तो फिर वो अलर्ट हुए तथा फर्जीबाड़ा समझ में आया तो उक्त शिक्षकों को पत्रिका के माध्यम से जानकारी मिली। उनके कार्यों से या उनके द्वारा जो रुपया दिया जाना था, वो अब नहीं दिया जाएगा पत्रिका को धन्यवाद दिया।
कुछ यूं चला शिक्षिका व फर्जी फोन लगाने वाले के बीच संवाद
बदरवास जनपद शिक्षाकेंद्र के अंर्तगत आने वाले सूखाराजपुर पर पदस्थ शिक्षिका रमादेवी गौड़ को मोबाइल नंबर 8109846797 पर अपर सचिव सुनील जैन के मोबाइल नंबर 7388737532 से फोन 3 बजे आया। फर्जी कॉलर ने कहा- आपकी मध्यान्ह भोजन वितरण की 181 पर शिकायत है। इसपर शिक्षिका ने पूछा- किसने की है मेरी शिकायत तो फर्जी कॉलर बोला- ये आप पता करो, अगर निलंबन रुकवाना है तो रुपए देना होगा। शिक्षिका ने 6388068416 फोन-पे नंबर पर 20 हजार रुपए भेजे। जब राशि पहुंच गई तो फर्जी कॉलर का फिर फोन आया कि आपको तबादला करवाना हो तो बताओ, 50 हजार रुपए दो और 2 दिन में हो जाएगा। ये बात सुनकर शिक्षिका को संदेह हुआ, जिसके बाद उसने अपने पति पवन को पूरा मामला बताया।
पत्रिका पढ़कर खुली आंखें
शिक्षिका रामदेवी ने बताया कि आज सुबह जब पत्रिका में खबर पढ़ी तो फिर हिम्मत बढ़ी और रन्नौद थाने में जाकर जनाकारी दी। उक्त मामले को पुलिस द्वारा गंभीरता से लिया और 420 का मामला दर्ज किया।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
रन्नौद थाना प्रभारी अरविंद चौहान का कहना है कि मामला संज्ञान में आया तो जिस नंबर से फोन आया एवं जिस मोबाइल नम्बर पर फोन-पे कराया। इस पूरे मामले की पड़ताल की तो फ्रॉड पाया तो शिक्षिका के शिकायती आवेदन पर धारा 420 भादवि के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
ऐसे कॉल्स से सावधान
बदरवास बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर ने बताया कि इस प्रकार का कोई भी फोन आए और निलंबित करने की धमकी या रुपए की मांग करे तो किसी भी प्रकार का लेनदेन ना करें। साथ ही विभाग एवं नजदीकी पुलिस थाने में भी घटनाक्रम की जानकारी दें।