वहीं बीते दिनों ईएनटी के चिकित्सकों ने एक वर्षीय बालक के गले में एक सिक्का फंस जाने से उसके सफल ऑपरेशन किया था। उनकी उस उपलब्धि पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया था। इसी तरह जिला चिकित्सालय के सर्जन लगातार प्रदेश भर में अपना नाम रोशन कर रहे हैं।
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मजदूर परिवार के बच्चे का सफल ऑपरेशन
मूल रूप से जिले के पिछोर के निवासी और मौजूदा समय में खतोरा में रहकर मजदूरी करने वाले माता पिता का बेटा काफी कम उम्र में स्क्रोटम में पथरी होने की समस्या से खासा परेशान था। बता दें कि, स्क्रोटम शरीर की वो जगह है, जहां का सफल ऑपरेशन हो पाने के चांसेस बेहद कम होते हैं। इधर, बच्चे की पीड़ा कोलारस के पूर्व विधायक महेंद्र यादव को पता लगी तो उन्होंने तुरंत ही जिला अस्पताल के चिकित्सकों से इस संबंध में चर्चा की।
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25 से 30 एम.एम की पथरी निकली
डॉक्टरों ने तुरंत ही इस केस को हैंडल करने का फैसला किया। इसके बाद पीड़ित को तत्काल ही जिला अस्पताल भेजा। बच्चे का मजदूर पिता हरेन्द्र ने तुरंत ही सर्जन डॉ. पीके खरे के पास पहुंचा। यहां के चिकित्सकों ने बच्चे की तकलीफ को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मंजेश को अस्पताल की ओटी में ले जाकर उसका बारीकी से परीक्षण किया। परीक्षण में चिकित्सकों को पता चला कि, मासूम मंजेष की यूरिन की थैली के नीचे स्क्रोटम में अत्याधिक लगभग 25 से 30 एम.एम की पथरी थी।
समस्या के चलते बच्चे के गुर्दे भी होने लगे थे खराब
इस कठिन ऑपरेशन को करने के लिए डॉ. पीके खरे के नेतृत्व में दो सर्जनों की टीम तैयार की गई और सोमवार को बच्चे का सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर पथरी के कई टुकड़े निकाले गए। डॉ. खरे के अनुसार, जिला चिकित्सालय में भर्ती आदिवासी बच्चे की पेशाब थैली में बनी ये पथरी नली में आकर जमा होती गई। हत्ता कि, उसने पूरे स्क्रोटम में ही अपनी जगह बना ली थी। इससे धीरे-धीरे बच्चे के गुर्दे भी खराब होने लगे थे।
चिकित्सकों की इस टीम ने दिखाया कारनाम
इस जीवन रक्षक आपरेशन को जिला अस्पताल शिवपुरी में डॉक्टर पी.के खरे, डॉक्टर पंकज गुप्ता, डॉक्टर सुधीर सिंह द्वारा सफलता पूर्वक कर बच्चे एक बार पुन: नया जीवन दे दिया है। जिस पर मंजेष के माता-पिता चिकित्सकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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