शिवपुरी

शिक्षा विभाग का अजब कारनामा : किसी स्कूल में 3 शिक्षक और सिर्फ 2 छात्र, कहीं शिक्षकों को तरस रहे स्कूल

एक तरफ जहां सरकार सभी को शिक्षित करने का ढिंढोरा पीट रही है और स्कूली शिक्षा पर विशेष जोर दे रही है। दूसरी तरफ यहां शिक्षा की स्थिति दयनीय और चिंतनीय है।

शिवपुरीDec 10, 2022 / 07:17 pm

Faiz

शिक्षा विभाग का अजब कारनामा : किसी स्कूल में 3 शिक्षक और सिर्फ 2 छात्र, कहीं शिक्षकों को तरस रहे स्कूल

संजीव जाट की रिपोर्ट

शिवपुरी. विद्यालय में दर्ज छात्रों की संख्या मात्र दो हो और उन्हें पढ़ाने वाले माससाब तीन हों तो आप सोचेंगे कि, ये कैसा अजीब स्कूल है। लेकिन, ये बात सच है और ये अजीब कारनामा मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाले बदरवास ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय के अखाई महादेव का है। एक तरफ जहां सरकार सभी को शिक्षित करने का ढिंढोरा पीट रही है और स्कूली शिक्षा पर विशेष जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर बदरवास विकासखंड में शिक्षा की स्थिति बेहद दयनीय और चिंतनीय है।

हैरानी की बात तो ये है कि, विकासखंड में ऐसे दर्जनों विद्यालय हैं, जहां छात्र संख्या शून्य है या कहीं दो विद्यार्थी दर्ज हैं तो कहीं चार विद्यार्थी दर्ज हैं। ऐसे विद्यालयों में विभाग द्वारा शिक्षक पदस्थ हैं, वहीं दूसरी ओर कई विद्यालयों में विद्यार्थी तो दर्ज हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों का पता नहीं है, मतलब शालाएं शिक्षक विहीन हैं। शिक्षा विभाग का ये अजब कारनामा शिक्षा पर विशेष ध्यान देने और अरबों रुपए पानी की तरह बहाने वाली सरकार और शिक्षाविभाग की कृतग्यता की पोल खोल रहा है।

 

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तबादलों ने बिगाड़ा तालमेल

आपको बता दें कि, बदरवास विकासखंड में शिक्षा, विद्यार्थी और शिक्षक तीनों में बड़ी असमानता है। हाल ही में हुए थोकबंद ट्रांसफर के बाद यहां कई विद्यालय शिक्षक विहीन हो गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ प्राथमिक विद्यालय अखाई महादेव विद्यालय हैं, जहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या सिर्फ दो है और विभाग ने तीन – तीन शिक्षक पदस्थ कर उन्हें पढ़ाने का पढ़ाने का प्रभार सौंपा गया है। वहीं, दूसरी तरफ कई विद्यालयों के विद्यार्थी एक शिक्षक को भी तरस रहे हैं। कई विद्यालयों में शिक्षक न होने से तालाबंदी की नौबत आन खड़ी है।


छात्रों के हित में खर्च नहीं हो रहे सरकार के लाखों रुपए

विभाग के आदेश हैं कि, 20 विद्यार्थी से कम नामांकन वाले स्कूलों को बंद कर समीपस्थ स्कूल में विलय कर दिया जाए, लेकिन बड़ी हास्यापद बात तो ये है कि, जहां आवश्यकता है वहां इन शिक्षकों को भेजा ही नही जा रहा और शिक्षक विहीन शालाएं बंद होने के कगार पर हैं। सरकार की लाखों रुपए की राशि इन शिक्षकों के वेतन में खर्च हो रही है और इनका उपयोग विद्यार्थी हित में हो ही नहीं पा रहा।

 

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बदरवास ब्लॉक में स्कूलों की स्थिति

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– शून्य शिक्षक वाले स्कूल – 45
– एक शिक्षकीय स्कूल – 82
– 20 से कम नामांकन वाले स्कूल – 21
– 20 से कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों में पदस्थ शिक्षक – 32

शिक्षक विहीन हाई स्कूल

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– हाई स्कूल बामोर खुर्द
– अकोदा
– दीवान की बामोर


शिक्षक विहीन मिडिल स्कूल

– अटारई
– विनेका चंदोरिया
– बेरखेड़ी
– रिनहाय
– कुसुअन
– अलावदी
– मेघोनाबड़ा
– कुंडाई
– सड़बूढ़
– कनेरा छपरा
– मझारी
– ईशरी
– बांहगा
– अगरा
– किरोला नैनागिर
– टामकी
– सूखाराजापुर
– धंदेरा
– चक्क मोहम्मदपुर
– नेगमा
– सेसई
– गोरा
– इचोनिया
– डुमेला
– करोंदी
– सहराना सुनाज
– जरिया

 

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शिक्षक विहीन प्राइमरी स्कूल

– कंचनपुरा
– दौलतपुर
– रेंझाघाट
– सेमरी सहराना,
– छपरा दुक्कड़
– भासोड़ा
– छपरा आदिवासी
– आमखेड़ा
– खासखेड़ा
– खोराना
– सूखा राजापुर
– छावरा
– हरिजन चक्क गागोनी
– पगारा
– कमलपुरा


शून्य विद्यार्थी वाले स्कूल

– गुडाल जागीर सेटेलाइट
– हरिजनचक्क बिनेका
– नयागांव इंदार
– सुरजनपुरा

 

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क्या कहते है जिम्मेदार ?

इस संबंध में बदरवास के बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर का कहना है कि, स्थानांतरण प्रक्रिया के तहत जो व्यवस्था हुई है, उक्त व्यवस्था को सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए सभी स्कूलों की जानकारी एकत्रित कर वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाकर सभी विद्यालयों पर समानता की जाएगी।

 

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