व्यापारियों ने प्रशासन व नेताओं के लिए टांगीं जूतों की माला
बुधवार को नदी का पानी उतरने के बाद टोड़ी बाजार की दुकानों का सामान भीग गया। ऐसे में व्यापारियों सहित अन्य लोगों ने खराब सामान सडक़ पर डाल दिया था। नपा ने 20 घंटे बाद भी कचरा नहीं उठवाया और न ही सडक़ की धुलाई कराई। ऐसे में व्यापारियों ने बाजार में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए जूते-चप्पल की माला टांग दी है।
लोगों में आक्रोश इस बात को लेकर था कि बुधवार सुबह 7 बजे पानी उतरने के बाद भी 24 घंटों में भी प्रशासन राहत कार्य शुरू नहीं कर पाया है। साथ ही लोगों के पास न खाना न ही पानी पहुंच रहा था। इसको लेकर बाढ़ पीडि़तों ने जयस्तंभ पर चक्काजाम भी कर दिया। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान श्योपुर आ रहे थे। प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारियां भी कर रखी थी लेकिन सीएम के आने से पहले ही लोगों ने जय स्तंभ पर जाम लगा दिया। इस दौरान कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव के सामने कलेक्टर के खिलाफ नारे लगे। साथ ही और केंद्रीय मंत्री के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
इसके अलावा पाली रोड पर 2 जगह लोगों ने जाम लगाने का प्रयास किया। लोगों के विरोध के चलते सीएम ने श्योपुर दौरा रद्द कर दिया। जयस्तंभ पर जाम लगा रहे लोगों का आरोप था, कि प्रशासन के पास पहले से ही जानकारी थी, कि सीप नदी में उफान आएगा लेकिन अलर्ट नहीं किया। साथ ही प्रशासन ने मंगलवार रात 1 बजे से बुधवार सुबह 10 बजे तक मोबाइल-इंटरनेट भी बंद करवा दिया। बाढ़ आने के बाद मदद भी नहीं मांग पाए। इसलिए उनके घरों में नुकसान हुआ है। वहीं बाढ़ उतरने के 24 घंटे बाद भी प्रशासन का एक भी नुमाइंदा सर्वे करने नहीं पहुंचा।
5 घंटे तक चलाया जय स्तंभ पर जाम
गुरुवार को कुम्हार मोहल्ला, कमालखेड़ली, भैंसपाड़ा, वार्ड 14, गांधी नगर, वार्ड 23 के लोग एकत्रित होकर सडक़ पर उतर आए। लोगों ने जय स्तंभ, पाली और शिवपुरी रोड पर बेरीकेड्स लगाकर बंद दिया। आक्रोशित लोगों को समझाने कलेक्टर-एसपी मौके पर आए तो लोगों ने उन्हें घेर दिया। कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी की। एसपी ने लोगों ने समझाने का प्रयास किया। लेकिन लोग उन्हें अपने मोहल्ले में ले जाने के लिए अड़ गए। कलेक्टर-एसपी चूड़ी बाजार तक गए और वापस लौट आए।
कलेक्टर के काफिले पर छतों से फेंक पत्थर, चप्पल व अन्य सामान
दोपहर करीब 2 बजे कलेक्टर-एसपी मुख्यमंत्री के आने की तैयारियों के बीच बाढ़ पीडि़त क्षेत्रों को दिखाने के लिए रूट देखने के जा रहे थे। तभी पुल दरवाजे के पास मालियों के मंदिर पर छतों से लोगों ने पत्थर, चप्पल व अन्य सामान फेंकना शुरू कर दिया। अधिकारी वहां से जैसे-तैसे बचकर निकले। कुछ लोगों ने गाड़ी पर भी पथराव कर दिया।