ये महिलाएं नल-जल योजना संचालित करने के साथ ग्रामीणों से जलकर की वसूली भी करेंगी। इससे गांवों में पेयजल संकट से निजात मिलेगी और जलधारा महिला स्वसहायता समूहों की आजीविका की राह भी बनेगी। बताया गया है कि जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नलों से पानी पहुंचाने की कवायद के तहत नलजल योजनाओं का विस्तार किया जा रहा है। हालांकि जिले में कुल 236 ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन कुछ पंचायतों के गांवों में एनआरएलएम के समूह की महिलाओं को योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसी के तहत जिले में कुछ गांवों में पंचायत और समूह के बीच एमओयू हो चुका है, जबकि कुछ मेें प्रक्रिया चल रही है।
संधारण और जलकर वसूली भी करेंगी
आमतौर पर नल जल योजना के संचालन में बजट की कमी, जल-कर नहीं मिलने की वजह से बिजली कनेक्शन कट जाते हैं और जल प्रदाय ठप हो जाता है। लेकिन अब समूह की महिलाओं को इसे जवाबदारी से संचालित करने के साथ ही योजना का संधारण, जलकर वसूली, बिजली बिल जमा करने की प्रक्रिया भी की जाएगी। नल-जल योजना संचालित करने के लेकर वसूली भी समूह की महिलाएं करेगी। वसूली से मिलने वाली राशि से समूह की महिलाओं की आजीविका भी बढ़ेगी।
इन गांवों में मिली समूहों को जिम्मेदारी
एनआरएलएम के समूहों को जिन गांवों में नलजल योजना संचालन की जिम्मेदारी मिली है, उनमें गोहरा, सुनवई, अगरा, वीरपुर, चिलवानी, अजापुरा, मऊ, पांडोला, मेखड़ाहेड़ी, प्रेमसर, जैनी, कुहांजापुर, मकड़ावदाकला, शंकरपुर, लूंड, कलारना, चैनपुरा, आवदा, कराहल, सिलपुरी, गोरस, कलमी ककरधा, बरगवां, हीरापुर आदि गांव शामिल हैं।
समूह की महिलाओं को नलजल योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी दी जा रही है। जिले में 32 गांवों का चयन किया गया है, इनमें कुछ पंचायतों के साथ समूहों का एमओयू हो चुका है।
डॉ.सोहनकृष्ण मुदगल
डीपीएम, आजीविका मिशन श्योपुर