श्योपुर

सरोज ने छह महीने पहले शुरू किया कैफे, आय बढ़ी, अब दे रहीं रोजगार

सरोज ने जुनून से लिखी आत्मनिर्भरता की इबारत…

श्योपुरFeb 10, 2022 / 07:20 pm

Astha Awasthi

employment

जयसिंह गुर्जर, श्योपुर। पांच साल पहले तक वर्षाकालीन खेती और मजदूरी पर पूरा परिवार निर्भर था, लेकिन पहले स्वसहायता से समूह से जुड़ी और एनआरएलएम की योजनाओं में ऋण लेकर न केवल सिंचाई की व्यवस्था कर खेती को संवारा बल्कि आजीविका के अन्य कार्यों से जुड़कर आत्मनिर्भरता के सोपान गढ़े। कहानी है श्योपुर के ग्राम बगडुआ निवासी सरोज बैरवा की। मंगलवार को सरोज से चर्चा कर सीएम ने भी सराहना की।

जानिए कितनी होती हैै आमदनी

छह माह पूर्व एनआरएलएम द्वारा जिला मुख्यालय पर शुरू किए गए एएम प्रसादम् दीदी कैफे (रेस्टोरेंट एवं भोजनालय) के संचालन समिति के सदस्य के रूप में भी सरोज काम कर रही हैं। वह कैश काउंटर संभालती हैं। रेस्टोरेंट में 10 महिलाओं और परिवारों के सदस्यों को रोजगार मिल रहा है। कैफे में प्रतिदिन 500-600 लोग आ जाते हैं और प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए की आमदनी हो जाती है।

सब्जियों की खेती से की थी शुरुआत

सरोज के परिवार के पास पांच बीघा जमीन है। सिंचाई के साधन नहीं होने से वर्षाआश्रित फसलें ही होती थीं। पांच साल पहले सरोज ने अन्य महिलाओं के साथ मिलकर एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत महात्मा गांधी स्वसहायता समूह बनाया और ऋण लेकर खेत में ट्यूबवेल कराया। ट्रांसफॉर्मर लगवाकर सिंचाई की व्यवस्था की परंपरागत के साथ मिर्ची और अन्य सब्जियों की खेती शुरू की। इससे परिवार की आजीविका बढ़ी। जानकारी के लिए बता दें कि सरोज स्वयं ग्रेजुएट है, लिहाजा एनआरएलएम ने बैंक मित्र की भी जिम्मेदारी दी। इसमें मानदेय मिलता है। समूह के माध्यम से गणवेश सिलाई का काम भी किया।

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