पार्वती नदी में तो सोमवार से ही लगातार उफान चल रहा है। सोमवार को खातौली पुल पर 6 फीट पानी था, लेकिन धीरे-धीरे ये 12 फीट पर पहुंच गया। यही वजह रही कि मंगलवार की दोपहर 3 बजे से श्योपुर-बारां मार्ग पर बना कुहांजापुर का पुल भी डूब गया और एक फीट से ज्यादा पानी हो गया। जिससे मार्ग पर आवागमन बंद करना पड़ा। बुधवार को भी पानी के घटने-बढ़ने का सिलसिला जारी है।श्योपुर-कोटा मार्ग पर सुबह से ही आवागमन प्रभावित है। मंगलवार शाम 5 बजे पार्वती नदी का जलस्तर 196.5 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान (198 मीटर) से महज डेढ़ मीटर दूर है। यही वजह है कि खातौली पुल पर 12 फीट पानी है।
कोटा बैराज से छोड़ा 72 हजार क्यूसेक पानी, चंबल भी चढ़ी
पार्वती के साथ ही चंबल नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यही नहीं मालवा और हाड़ौती में बारिश के चलते कोटा बैराज से भी चंबल में पानी निकासी की जा रही है। मंगलवार की शाम 5.30 बजे 7 गेट खेालकर 72 हजार क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया। इधर जिले की सीमा में चंबल नदी का जलस्तर सुबह 8 बजे 192.36 मीटर था, जो शाम 5 बजे बढक़र 192.56 मीटर हो गया। कोटा बैराज से छोड़े पानी का असर बुधवार को दिख सकता है।
सांड, सूंडी सहित चंबल-पार्वती किनारे के गांवों में अलर्ट
चंबल और पार्वती नदियों का जलस्तर बढऩे से प्रशासन भी अलर्ट हो गया है और सांड व सूंडी गांव सहित दोनों नदियों किनारे के गांवों में मॉनिटरिंग की जा रही है। हालांकि पार्वती का जलस्तर बढऩे से सूंडी गांव पहले ही टापू बन गया है,जिसकी प्रशासन द्वारा निगरानी की जा रही है। वहीं कुहांजापुर पुल डूबने से बत्तीसा क्षेत्र के वाशिंदों को बारां की ओर जाने के लिए पार्वती एक्वाडेक्ट के रास्ते का सहारा लेना पड़ रहा है।
700 मिमी के पार जिले की औसत बारिश
जिले में रुक-रुक हो रही लगातार बारिश से औसत बारिश का आंकड़ा भी 700 मिमी को पार कर गया है। भू अभिलेख से जारी आंकड़ों के मुताबिक 16 अगस्त की सुबह 8 बजे तक जिले में कुल 720.2 मिमी बारिश हो गई है।
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