श्योपुर। आम नागरिकों की सुरक्षा में रातभर गश्त पर रहने वाली पुलिस सुबह के समय पर कोई आपराधिक वारदात न होने पाए, इसके लिए सुबह की गश्त भी शुरू करने जा रही है। खासबात यह है कि मॉर्निंग गश्त पहल के पीछे पुलिस की सोच सुरक्षा के साथ ही, जवानों का शारीरिक पारिश्रम भी है, ताकि जवान हर पल चुस्त दुरुस्त बने रह सकें। स्कूल और कोचिंग सेंटरों के आसपास मजनूगिरी करने के लिए घूमने वाले मंजनुओं के खिलाफ अभियान छेडऩे वाली पुलिस को और सक्रिय करने, लोगों में सुरक्षा का और भाव जगाने व पुलिस को अनुशासन व शारीरिक रूप से और अधिक चुस्त दुरुस्त करने के लिए यह कांसेप्ट तैयार किया गया है। विभागीय सूत्रों की माने तो इसके पीछे पुलिस कप्तान और एसडीओपी श्योपुर जयराज कुबेर की विशेष सोच है, जिन्होंने मिल जुलकर यह प्लानिंग की है। खासबात यह है कि इस पर अमल भी शुरू हो गया है। इस संबंध में रविवार को कोतवाली थाना पुलिस को एसडीओपी जयराज कुबेर ने मॉर्निंग गश्त को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए। अब नहीं दिखते कोचिंगों केआसपास मजनूं अभी हाल ही में शुरू हुए पुलिस के मजनूं अभियान का असर भी दिखने लग गया है। क्योंकि शहर में कोचिंग सेंटरों के आसपास मंडराने वाले मनचले अब दिखाई नहीं देते है। जबकि इस अभियान के पहले कई मनचले छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने के लिए कोङ्क्षचग सेंटरों के आसपास घूमते रहते थे। जिससे अकेली छात्राओं को कोङ्क्षचग पढऩे को आने के लिए दिक्कते उठानी पड़ती थी। वहीं अभिभावक भी इन स्थितियों को लेकर खासे चिंतित थे। “त्योहारों को देखते हुए मॉर्निंग गश्त भी शुरू की गई है। मजनूं अभियान के साथ ही मॉर्निंग गश्त भी हर रोज प्रभावी ढंग से हो, इसके लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, इससे सुरक्षा चक्र मजबूत होने के साथ ही जवानों की शारीरिक चुस्ती भी बढेगी।”जयराज कुबेर, एसडीओपी,श्योपुर