बताया गया है कि जिले में लगभग सात लाख 56 हजार की आबादी है, जिनमें से अभी तक छह लाख 74 हजार लोगों के ही आधार कार्ड बने हैं। चूंकि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक जिले की आबादी छह लाख 8 7 हजार थी, लिहाजा अब ये जो अंतर दिख रहा है, उसमें 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का ही ज्यादा है, जिनके आधार नहीं बने। यही वजह है कि अब प्रशासन ने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों के शत-प्रतिशत आधार बनाने के लिए महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से सुपरवाइजरों को जिम्मेदारी दी है। बताया गया है कि 20 सुपरवाइजरों को इस कार्य के लिए जोड़ा जाएगा, जिनमें से दो को जोड़ दिया गया, जिन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। ये सुपरवाइजर आंगनबाड़ी केंद्रों पर अपने टेबलेट के माध्यम से आधार कार्ड बनाएंगी।
अभी संचालित है 17 केंद्र
जिले में आधार कार्ड बनाने के लिए वर्तमान में प्रशासन के अधीन 17 सेंटर चल रहे हैं। लेकिन जिले के क्षेत्रफल के लिहाजा से ये संख्या काफी कम है। यही वजह है कि आए दिन जिले में ग्रामीणों की शिकायतें आ रही है। यही नहीं कुछ केंद्रों पर तो ग्रामीणों ने आधार संचालकों द्वारा लोगों से पैसे वसूलने की शिकायतें भी की जा रही है।
0 से 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजरों से टेबलेट के माध्यम से आधार पंजीयन करवा रहे हैं। रही बात आधार सेंटरों पर पैसे मांगने की बात तो यदि इसकी कोई शिकायत करता है तो हम संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
रामकिंकर शर्मा, प्रबंधक, ई-गवर्नेंस श्योपुर