शामली

Alert: खेतों में जाकर ताली और थाली बजाएंगे किसान, जानिए क्या है पूरा मामला

Highlights:
-टिड्डी दल को लेकर शामली में अलर्ट
-किसान बजायेंगे खेतों में थाली
-मदद को जारी हुए नंबर

शामलीJun 28, 2020 / 12:22 pm

Rahul Chauhan

शामली। यूपी से सटे हरियाणा के कई जिलों में टिड्डी दल के हमले के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट जारी है। शामली जिला प्रशासन भी टिड्डी दल के हमले को लेकर के चौकन्ना हो गया है। डीएम ने कृषि विभाग को निर्देश जारी किए हैं कि किसानों को जागरूक किया जाए। अब कृषि विभाग के अधिकारी क्षेत्र में घूम कर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। किसानों से अपील की जा रही है कि खेतों पर ताली, थाली आदि बजाने के साथ ही कीटनाशक का छिड़काव करे। इसके लिए जिला प्रशासन ने भी विशेष तैयारियां की है।
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शामली जिलाधिकारी जगजीत कौर ने टिड्डी दल से बचाव के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायत न्याय पंचायत विभाग स्तर की टीम को अलर्ट करें। इसके साथ ही शामली जिले में कृषि विभाग के पास टिड्डी रक्षा रसायन 1000 लीटर रिजर्व में है। 40 लीटर टिड्डी रक्षा रसायन उपलब्ध है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी विकास कुमार ने जिले के किसानों से अनुरोध किया है कि वह अपने-अपने खेतों की सुबह शाम निगरानी करें, ताकि समय रहते टिड्डी दल के हमले से रोका जा सके। टिड्डी दल का प्रकोप दिखाई देने पर तत्काल इन नंबरों 01398-253100 अथवा 9759757319 पर कॉल कर जिला कृषि रक्षा कार्यालय पर सूचना दे सकते हैं। पटाखे, टिन के डिब्बे, थाली आदि बजाकर टिड्ड़ियों को भगाया जा सकता है।
शुगर मिल को निर्देश

शामली जिला अधिकारी जसदीप कौर ने बताया कि जिले की तीनों शुगर मिलों को निर्देश दिए गए हैं कि टिड्डी दल के हमले की आशंका के चलते वह भी अलर्ट रहें और किसानों की हर संभव मदद करें।
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बचाव के सुझाव दिए

टिड्डी दल के अधिक प्रकोप होने पर मेलाथियान 50 प्रतिशत ईसी की ढाई लीटर मात्रा या थायोमिथोक्साम 25 प्रतिशत डब्लू जी की 100 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड की 17.8 एसएल 300 मिलीलीटर या क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत इसी की 1.5 लीटर या क्लोरोपीरिफॉस 20 ईसी की 1.5 लीटर मात्रा को 500 से 700 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर छिड़काव कर सकते है। जिससे कि टिड्डी दल से फसलों में होने वाले संभावित नुकसान से बचाया जा सकता है।
इन फसलों को है नुकसान

टिड्डी दल से गन्ना, धान, ज्वार, मक्का, उड़द, मूंग फसलों, फलों, पेड़ों की हरियाली को नुकसान पहुंचाते हैं। यूपी के जिलों में 40 साल पहले वर्ष 1980 में टिड्डी दल का हमला हुआ था।

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