प्रदेश में ब्लड बैंकों की हालत खराब यह हालत जनपद शामली का ही नहीं बल्कि पूरे यूपी का है। प्रदेश में ब्लड बैंकों के यही हालात हो चुके हैं। अगर बात की जाए ब्लड बैंकों के अंदर कुछ ग्रुप का संकट हो गया है। जो पुराना स्टॉक बचा हुआ है, वह भी 25—30 प्रतिशत ही रह गया है। ऐसे में अब खून की कमी वाले मरीजों और ब्लड बैंकों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है।
पुराना स्टॉक है बस शामली में अंबा ब्लड बैंक, सर्वोदय ब्लड बैंक और शामली चैरिटेबल ब्लड बैंक हैं। लॉकडाउन से पहले की बात की जाए तो इन ब्लड बैंकों में रक्तदान करने वालों की भीड़ रहती थी। इस कारण
सभी ग्रुप्स की यूनिट काफी मात्रा में उपलब्ध रहती थीं। अब महामारी के चलते इन ब्लड बैंकों में यूनिट की मात्रा दिन—प्रतिदिन घटती जा रही है। अब यहां कुछ ही यूनिट ब्लड बचा हुआ है। इसमें से O+ ब्लड ही बैंकों के पास उपलब्ध है। वहीं निगेटिव ग्रुप वाला ब्लड, A+, B+ की मात्रा भी शून्य हो चुकी है।
सभी ग्रुप्स की यूनिट काफी मात्रा में उपलब्ध रहती थीं। अब महामारी के चलते इन ब्लड बैंकों में यूनिट की मात्रा दिन—प्रतिदिन घटती जा रही है। अब यहां कुछ ही यूनिट ब्लड बचा हुआ है। इसमें से O+ ब्लड ही बैंकों के पास उपलब्ध है। वहीं निगेटिव ग्रुप वाला ब्लड, A+, B+ की मात्रा भी शून्य हो चुकी है।
पहले 400 से 500 यूनिट ब्लड जाता था अस्पतालों में गुरुवार को जनपद शामली में मरीजों को 17 यूनिट A+ ब्लड की आवश्यकता थी। ऐसी स्थिति में ये तीनों बैंक A+ ब्लड की एक भी यूनिट उपलब्ध नहीं करा पाए। लॉकडाउन से पहले इन तीनों ब्लड बैंकों में काफी संख्या में लोगों ने ब्लड डोनेट किया था। इसके चलते जनपद में किसी भी मरीज को ब्लड यूनिट की कोई कमी नहीं होने दी जाती थी। अब ऐसी स्थिति में जो महिला डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल में आती हैं या फिर किसी इमरजेंसी में किसी भी मरीज को ब्लड की आवश्यकता पड़ती है तो तीनों बैंक असहाय हैं। बता दें कि शामली में इन ब्लड बैंकों से पहले माह में 400 से 500 यूनिट ब्लड जनपद के प्राइवेट अस्पतालों में इमरजेंसी के तौर पर जाता रहा है। इसकी वजह से हजारों लोगों की जान भी बच चुकी है।
यह कहा ब्लड बैंक मैनेजर ने ब्लड बैंक मैनेजर कुशांक चौहान का कहना है कि गुरुवार को जनपद में 17 यूनिट ए पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी, जो तीनों बैंकों के पास उपलब्ध नहीं थी। जनपद में लगभग 250 से ज्यादा डॉक्टर हैं। सभी को अपने अस्पताल में ब्लड यूनिट की आवश्यकता पड़ती रहती है। जनपद में एक माह में 400—500 यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ती है। शामली के तीनों बैंकों में केवल O+ ब्लड का पुराना स्टॉक ही बचा हुआ है।
यह कहा डीएम ने इस बारे में शामली डीएम जसजीत कौर का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। सीएमओ से बात की गई है। ब्लड डोनेशन के लिए वे कुछ प्लान बनाते हैं। इसके लिए या तो कोई मोबाइल वैन लगाकर ब्लड डोनेट कराया जाएगा या फिर वे हर ग्रुप के डोनर्स की लिस्ट बनाएंगे, जो आवश्यकता पड़ने पर ब्लड डोनेट करने के लिए आ सकें। इस लिस्ट में डोनर्स के मोबाइल नंबर समेत पूरी जानकारी होगी।