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परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। रिश्तेदार, दोस्त-यार के साथ पूरे गांव की आंखे नम रही। लोग जहां जवानों की एक-एक बात याद कर के बेचैन हो रहे हैं कि अब उनका साथी उनके बीच कभी वापस नहीं लौट के आएगा, तो वहीं परिवार अपने बेटे, भाई, पिता को चिता को देख कर बेसुध खड़े हैं। वहीं सीआरपीएफ जवान प्रदीप का बेटा पिता के शरीर को चिता में जलता देख बेचैन हो गया और उस और दौड़ने की कोशिश की हालाकि मौके पर मौजूद लोगों ने उसे संभाल लिया।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। रिश्तेदार, दोस्त-यार के साथ पूरे गांव की आंखे नम रही। लोग जहां जवानों की एक-एक बात याद कर के बेचैन हो रहे हैं कि अब उनका साथी उनके बीच कभी वापस नहीं लौट के आएगा, तो वहीं परिवार अपने बेटे, भाई, पिता को चिता को देख कर बेसुध खड़े हैं। वहीं सीआरपीएफ जवान प्रदीप का बेटा पिता के शरीर को चिता में जलता देख बेचैन हो गया और उस और दौड़ने की कोशिश की हालाकि मौके पर मौजूद लोगों ने उसे संभाल लिया।
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आपको बता दें कि अमित कुमार रेलपार कॉलोनी निवासी है, जबकि प्रदीप कस्बा बनत का निवासी थे। दोनों शहीदों के अंतिम संस्कार में बागपत सासंद सत्यपाल मलिक और योगी सरकार में मंत्री और विधायक सुरेश राणा भी पहुंचे। वहीं शहीद के अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग पहुंचे और नम आंखों से शहीज को विदाई दी। साथ ही इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद व हिंदुस्तान जिंदाबाद के गगनभेदी नारे लगे।
आपको बता दें कि अमित कुमार रेलपार कॉलोनी निवासी है, जबकि प्रदीप कस्बा बनत का निवासी थे। दोनों शहीदों के अंतिम संस्कार में बागपत सासंद सत्यपाल मलिक और योगी सरकार में मंत्री और विधायक सुरेश राणा भी पहुंचे। वहीं शहीद के अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग पहुंचे और नम आंखों से शहीज को विदाई दी। साथ ही इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद व हिंदुस्तान जिंदाबाद के गगनभेदी नारे लगे।