इसका एक उदाहरण में गढ़ी पुख्ता में देखने काे मिला है। यहां एक पिता ने ब्याज पर पैसे उठाकर कक्षा नवी में पढ़ने वाले बेटे के लिए स्मार्ट फोन खरीदा। इससे भी अधिक हैरान कर देने वाली बात यह है कि, ब्याज पर पैसे लेकर फोन खरीदनें के बाद भी मनाेज का बेटा ऑन लाइन क्लास में शामिल नहीं हाे पा रहा है। इसकी वजह अब कमजोर नेटवर्क बन रहा है।
जानिए कैसे खरीद रहे माेेबाइल फाेन केस -1 शामली के ही गांव मनठ निवासी सुभाषचंद मिठाई की दुकान पर काम करते हैं। इनका बेटा प्रिंस पंचाल एक पब्लिक स्कूल में कक्षा नवी में पढ़ता है। सुभाष बताते हैं कि उनके पास स्मार्ट फोन नहीं था। बच्चे की पढ़ाई के आठ हजार रुपये का फोन लिया। लॉकडाउन में काम भी बंद था। ऐसे में उन्हें मोबाइल खरीदने के लिए रुपये उधार लेने पड़े।
केस-2 शामली के ही जाफरपुर निवासी मनोज कुमार का पुत्र कृष्णा कक्षा पांच का छात्र है। मनोज ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। बच्चे की पढ़ाई के लिए थोड़े-थोड़े रुपये जोड़कर मोबाइल खरीदा है। घर के कई अन्य काम भी जरूरी थे लेकिन सभी कार्य रोक दिए और सबसे पहले माेबाइल फाेन खरीदा।
केस-3 शामली के ही गांव मानकपुर के मनोज कुमार का बेटा प्रिंस कक्षा सात का छात्र है। प्रिंस भी स्मार्ट फोन के बगैर क्लास ज्वाइन नहीं कर पा रहा था। इसके माता-पिता ने भी सारे जरूरी काम राेकककर स्मार्ट फोन खरीदा।
बिना मोबाइल नहीं कर पा रहे पढ़ाई
बड़ी संख्या में अभी भी ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जिनके घरों पर स्मार्ट फोन नहीं हैं। इसलिए वे ऑनलाइन क्लास ( online class ) में शामिल नहीं हो पा रहें हैं।
बड़ी संख्या में अभी भी ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जिनके घरों पर स्मार्ट फोन नहीं हैं। इसलिए वे ऑनलाइन क्लास ( online class ) में शामिल नहीं हो पा रहें हैं।
केस-1 गढ़ी अब्दुल्ला खां निवासी कक्षा तीन में पढ़ने वाली छात्रा जहान्वी ने बताया कि उनके घर में स्मार्ट फोन नहीं है। इसलिए वह ऑनलाइन शिक्षण में शामिल नहीं हो पा रही। केस-2 पलठेड़ी निवासी कक्षा आठ के छात्र शादाब का कहना है कि स्मार्ट फोन न होने के कारण वह ऑनलाइन शिक्षण नहीं कर पा रहा है। पापा के पास लॉकडाउन में इतने पैसे नहीं है कि वह स्मार्ट फाेन खरीद लें।
केस-3 गांव बुंटा निवासी शाकिब तथा कक्षा तीन के छात्र नंगला निवासी अब्दुल वारिस का कहना है कि वह भी ऑनलाइन कक्षा में शामिल नहीं हो रहे हैं कयाेंकि उनके पास भी स्मार्ट फोन नहीं है। इन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का कहना है कि महंगे मोबाइल खरीद पाना उनके बस में नहीं है।
कमजोर नेटवर्क ( poor network) बन रहा समस्या
जो छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए कमजोर मोबाइल नेटवर्क भी बड़ी समस्या बन रहा है। गांव पलठेड़ी निवासी पल्लवी और उमर चौधरी, गांव गढ़ी अब्दुल्ला खां निवासी अमल चौहान, भानेड़ा उद्दा निवासी स्वाति चौहान ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हाेंने बताया कि, कभी-कभी नेटवर्क कम होने की वजह से परेशानी होती है। काफी देर तक ट्राइ करने के बाद ही क्लास ज्वाइन हाे पाती है। नेटवर्क कमजोर होने की वजह से ऑडियो और वीडयो विजन साफ नहीं रहता है ऐसे में कई बार कुछ समझ ही नहीं आता।
जो छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए कमजोर मोबाइल नेटवर्क भी बड़ी समस्या बन रहा है। गांव पलठेड़ी निवासी पल्लवी और उमर चौधरी, गांव गढ़ी अब्दुल्ला खां निवासी अमल चौहान, भानेड़ा उद्दा निवासी स्वाति चौहान ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हाेंने बताया कि, कभी-कभी नेटवर्क कम होने की वजह से परेशानी होती है। काफी देर तक ट्राइ करने के बाद ही क्लास ज्वाइन हाे पाती है। नेटवर्क कमजोर होने की वजह से ऑडियो और वीडयो विजन साफ नहीं रहता है ऐसे में कई बार कुछ समझ ही नहीं आता।
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एसडीएस पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर फिरोज चौधरी का कहना है कि, क्षेत्र के गांव में नेटवर्क कम होने के कारण वीडियो कॉल ( video calling ) के माध्यम से क्लास करने में दिक्कत आ रही है। नेटवर्क कम होने से पढ़ाई कराते समय महत्वपूर्ण टॉपिक को समझने में परेशानी होती है। नेटवर्क की समस्या पूरे जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश मे हैं ऐसे में साफ है कि लॉकडाउन में सभी जरूरी कार्य छाेड़कर अभिभावक अपने बच्चों के लिए स्मार्ट फाेन खरीद रहे हैं बावजूद इसके बच्चे स्मार्ट क्लास ज्वाइन नहीं कर पा रहे।