शामली

9वीं में फेल हुए अभिजीत लेकिन अब ईरान में बढ़ाया भारत का मान, ऐसा किया क्या?

अभिजीत कहते हैं, पढ़ाई में कम चलता था तो लगा कि स्पोर्ट्स की तरफ ही ध्यान दिया जाए। सोचा नहीं था कि इतना प्यार मिलेगा।

शामलीMar 12, 2023 / 04:52 pm

Rizwan Pundeer

अभिजीत को गोद में उठाए विधायक(बायें), ट्रॉफी के साथ अभिजीत(दांयें)

अभिजीत मलिक बीते हफ्ते ईरान के उर्मिया में जूनियर कबड्डी वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने भारतीय टीम का हिस्सा हैं। इस टीम ने 4 मार्च को हुए फाइनल में ईरान को 41-33 से हराकर भारत को चैंपियन बनाया है। अभिजीत रे़र के तौर पर शामिल थे।
अभिजीत शामली जिले के मखमूलपुर गांव के रहने वाले हैं। ईरान से लौटने के बाद अभिजीत गांव लौटे तो उनको लेने के लिए सैकड़ों गाड़ियां का काफिला पहुंचा। खुली कार में अभिजीत फूल मालाओं से लदे हुए गांव पहुंचे।


स्वागत में कतार लगाए दिखे विधायक-मंत्री
शामली विधायक प्रसन्न चौधरी से लेकर तमाम स्थानीय नेता उनके स्वागत के लिए पहुंचे। अभिजीत आज भले ही अपने गांव और जिले के स्टार बने हुए हों लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब उनको खूब ताने सुनने को मिले थे। इन तानों की वजह थी 9वीं में फेल हो जाना।
अभिजीत ने गांव लौटने के बाद एक स्थानीय यूट्यूब चैनल से बात करते हुए अपनी जर्नी के बारे में बताया है। साढ़े 19 साल के अभिजीत कहते हैं, अब से 5 साल पहले उनकी जिंदगी में एक बड़ा मोड आया, जब वो 9वीं में फेल हो गए।

शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी और अभिजीत मलिक(टीका लगाए हुए) IMAGE CREDIT:

घरवालों ने पूछा- हां, भाई अब क्या करना है?
अभिजीत बताते हैं, “मैं पढ़ाई-लिखाई में कभी अच्छा नहीं था। जैसे-तैसे चल रहा था फिर 9वीं में कैसे भी ना चल पाया। मैं 9वीं में फेल हो गया तो मुझे और घरवालों को दिख गया कि पढ़ाई मुझसे ना चलेगी।”
वो आगे कहते हैं, “रिश्तेदार और पड़ोसी ताने देते थे। घर के लोगों ने भी पूछा कि बताओ अब आगे क्या करना है? स्पोर्ट्स में मेरा मन था, मैंने कबड्डी खेलने की इच्छा पिताजी से जताई। उन्होंने भी हामी भर दी। इसके बाद मैंने गाजियाबाद में ट्रेनिंग शुरू की। 5 साल तक वहां ट्रेनिंग की। इस दौरान लगातार टूर्मानेंट खेले। फिर इस साल जनवरी में वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सेलेक्शन हो गया।”


सेलेक्शन हो गया और पासपोर्ट नहीं बना था
अभिजीत बताते हैं कि वो एक किसान परिवार से आते हैं। कभी ध्यान ही नहीं आया कि पासपोर्ट भी बना हुआ होना चाहिए। जब ईरान जाने के लिए सेलेक्शन हुआ तो तत्काल पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया। ये तो अच्छा रहा कि सारी प्रक्रिया समय रहते हो गई और ईरान जाने का मौका मिला।

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अभिजीत अपनी इस उपलब्धि पर कहते हैं कि जितना पूरा गांव खुश नहीं है, उससे ज्यादा मेरी मां खुश है। उसी को खुश देखकर सबसे ज्यादा खुशी हो रही है। अभीजीत को अब उम्मीद है कि उनको प्रो कबड्डी में भी खेलने का मौका मिलेगा।

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चैंपियनशिप जीतने के बाद टीम के साथ अभिजीत(सबसे दायें) IMAGE CREDIT:

डाइट पर बोले- दूध-छाछ ही सबसे अहम
अपनी डाइट पर अभिजीत ने बताया कि वो अपने कोच और सीनियर की सलाह से डाइट लेते हैं। चिकन, अंडे, बादाम, छुवारे सभी कुछ उनकी डाइट में है। इन सबके साथ वो सबसे अहम मानते हैं दूध और छाछ को। कहते हैं कि दूध-छाछ किसान के घर में होता है और यही मेरी डाइट का सबसे खास हिस्सा है।

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