ये भी पढ़ें : आंधी-बारिश से भारी नुकसान, बिजली गिरने से किसान की मौत, कई इलाकों की बिजली गुल
शामली का कस्बा जलालाबाद उस समय चर्चा में आ गया जब भारत में बुधवार को मनाई जाने वाली ईद न मनाकर कस्बे के 40 फ़ीसदी लोगों ने बृहस्पतिवार को ईद की नमाज पढ़कर ईद मनाई। इस मामले में मदरसा मिफ्ता उल उलूम के संचालक मौहम्मद हफीउल्ला खान ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल केरल को लेकर है। जब केरल भारत का हिस्सा है और वहां भी पूरे देश के समान संविधान लागू होता है तो फिर केरल राज्य सउदी अरब के साथ एक दिन पहले ईद क्यों मनाता है।
शामली का कस्बा जलालाबाद उस समय चर्चा में आ गया जब भारत में बुधवार को मनाई जाने वाली ईद न मनाकर कस्बे के 40 फ़ीसदी लोगों ने बृहस्पतिवार को ईद की नमाज पढ़कर ईद मनाई। इस मामले में मदरसा मिफ्ता उल उलूम के संचालक मौहम्मद हफीउल्ला खान ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल केरल को लेकर है। जब केरल भारत का हिस्सा है और वहां भी पूरे देश के समान संविधान लागू होता है तो फिर केरल राज्य सउदी अरब के साथ एक दिन पहले ईद क्यों मनाता है।
ये भी पढ़ें : देवबंद में भीषण दुर्घटना में बच्ची समेत 3 की माैत, पथराव आगजनी के बाद पुलिस ने भांजी लाठियां बुधवार मनाई गई ईद को लेकर उन्होंने कहा कि यदि मौसम खराब होने के कारण चांद नहीं दिख पाया तो ईद का त्योहार अगले दिन मनाया जा सकता है। लेकिन मंगलवार को अमावस के कारण चांद नहीं दिखा। मंगलवार को मौसम साफ था बावजूद इसके चांद नहीं दिखाई दिया। फिर हम लोग कैसे ईद मनाते। कुरान में स्पष्ट किया गया है कि चांद देखो रमजान मनाओ और चांद देखो ईद मनाओ। इस दौरान कस्बे की जुमा मस्जिद व मरदसे में लोगों ने ईद की नमाज अदा की और एक दूसरे को बधाई दी।