कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और बाबा शेरनाथ के मजदूरों ने नाले को पाटना शुरू कर दिया। इस पर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। स्थानीय निवासी अजय कुमार, राममेहर सिंह का कहना था कि उपजिलाधिकारी ने पैमाइश के आदेश किए थे, लेकिन पुलिस ने बिना पैमाइश किए ही जबरन नाला बंद कर दिया दिया। इससे घरों से निकलने वाले पानी की निकासी रुक गई। लगातार बारिश हो रही है और ऐसे में जलभराव होगा। वे पुलिस-प्रशासन के रवैये से आहत हैं और कॉलोनी के सभी लोगों ने यहां मकान बेचकर पलायन करने का निर्णय लिया है। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। वैसे भी पानी की निकासी को बिना कोई इंतजाम किए नहीं रोका जा सकता।
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वहीं हंगामे की सूचना पर मंगलवार शाम करीब सात बजे पैमाइश के लिए राजस्व विभाग की टीम पहुंची। उधर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुभाष राठौर ने बताया कि जिस व्यक्ति की जमीन पर नाला बनाया गया था, उनके द्वारा ही नाले को पाटने का काम किया। यह भूमि मंदिर की है। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर गई थी। पैमाइश प्रशासन को करनी है।
वहीं हंगामे की सूचना पर मंगलवार शाम करीब सात बजे पैमाइश के लिए राजस्व विभाग की टीम पहुंची। उधर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुभाष राठौर ने बताया कि जिस व्यक्ति की जमीन पर नाला बनाया गया था, उनके द्वारा ही नाले को पाटने का काम किया। यह भूमि मंदिर की है। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर गई थी। पैमाइश प्रशासन को करनी है।
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नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र यादव का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जिम्मेदारी नहीं है। पता किया जाएगा कि नाला नगर पालिका का है या नहीं।
वही एसडीएम सुरजीत सिंह ने बताया कि विवाद की जानकारी मिली है। कानूनगो और लेखपाल को मौके पर भेजा है। जो भी सही होगा, उसके अनुरूप कार्रवाई होगी।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र यादव का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जिम्मेदारी नहीं है। पता किया जाएगा कि नाला नगर पालिका का है या नहीं।
वही एसडीएम सुरजीत सिंह ने बताया कि विवाद की जानकारी मिली है। कानूनगो और लेखपाल को मौके पर भेजा है। जो भी सही होगा, उसके अनुरूप कार्रवाई होगी।