शामली. एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश का शामली जिला कोरोना फ्री घोषित किया गया था। इस बीच प्रसासन की लापरवाही से लोगों के जान पर बन आई है। जिला प्रशासन ने बाहर से आए प्रवासियों को बिना चेकअप के ही घर जाने दिया। इसके बाद जब प्रशासन को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने उन प्रवासियों को वापस लाने की कोशिश की, लेकिन वह कोशिश भी नाकाम साबित हुई। अभी तक 5 से 6 लोग ही वापस आए हैं, जबकि बस में कुल 24 प्रवासी भरतपुर से लौटे थे।
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आपको बता दें मामला शामली जनपद का है। यहां 24 प्रवासियों को भरतपुर से उनके घर लाने के लिए सरकार की ओर से बस भेजी थी, लेकिन मजदूरों के लौटने के बाद प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है। जिला प्रशासन ने भरतपुर से लौटे सभी प्रवासियों को बिना किसी चेकअप के ही उन्हें अपने-अपने घर भेज दिया। बताया जा रहा है कि बस में 1 प्रवासी आगरा, एक बागपत और एक बड़ौत बिना चेकिंग के उतारा गया। बाकी लोगों को शामली रोडवेज बस स्टैंड से घर भेज दिया गया। इस बीच किसी भी प्रवासी की किसी प्रकार की स्कैनिंग या स्वास्थ्य चेकअप नहीं किया गया।
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वहीं, बस चालक का कहना है कि उनको किसी प्रकार की पूर्व में कोई भी सूचना नही दी गई थी। उन्होंने बस में सवार सियोरिटी गार्ड की मौजूदगी में प्रवासीयों को घर जाने दिया। इस घटना के बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और आनन-फानन में लोगों को वापस लाने का काम किया जा रहा है, लेकिन अभी तक मात्र 5 से 6 लोग ही वापस लौटे हैं और अभी बाकी प्रवासियों की प्रशासन के पास जानकारी तक नहीं है। समें कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही मानी जा रही है। इस लापरवाही से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है। गौरतलब है कि शामली में कोरोना से पॉजिटिव कोई केस नहीं है। ऐसे में जो लोग बिना चेकअप के अपने घरों को लौट गए हैं। उनको वापस लाना किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि अगर इन में से किसी में कोरोना की पुष्टि हो गई तो पूरा परिवार संकट में पड़ जाएगा।