यह भी पढ़ें- Bikru Scandal: बिकरू कांड की सबसे बड़ी वजह बनी छह बीघा जमीन का टुकड़ा, नहीं हल हुआ मसला शामली जिले के कैराना कस्बे में रहने वाले रिटायर्ड हाजी मूसा खान का कहना है कि उन्होंने 15 साल छह महीने सेना में नौकरी की है। 1962 भारत-चीन की लड़ाई के बाद 1971 के युद्ध में बांग्लादेश भी गए थे। मैं सच्चा देशभक्त हूं, अगर मेरे बेटे देशद्रोही हैं तो उन्हें गोली मार दी जाए या उन्हें छोड़ दिया जाए। उन्होंने बताया कि मेरे तीनों बेटों को एनआईए ने उठाया था। बेटे फारूख को छोड़ तो उसने फोन पर गिरफ्तारी की जानकारी दी। मूसा का आरोप है कि नासिर देश की एक जांच एजेंसी की महिला अफसर के लिए काम करता था। वह दो बार पाकिस्तान भी गया था। उन्होंने कहा कि महिला अफसर ने बेटों को फंसाया है।
जांच एजेंसियोंं के फिर कैराना आने की संभावना बता दें कि दरभंगा ब्लास्ट के बाद कैराना अब जांच एजेंसियों के निशाने पर है। पार्सल पर शामली का मोबाइल नंबर मिलने के बाद जांच एजेंसियों ने यहां काफी समय बिताया। इससे पहले भी कैराना से दो लोगों सलीम उर्फ टुइया और कफील को उठाया गया था, लेकिन अब तक उनके बारे में खुलासा नहीं किया है। स्थानीय पुलिस भी इन दोनों के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी होने से मना कर रही है। हैदराबाद से कैराना के युवकों के पकड़े जाने के बाद फिर से जांच एजेंसियों के कैराना में आने की संभावना है। माना जा रहा है कि जांच एजेंसी यहां नासिर और इमरान का नेटवर्क खंगाल सकती है।
फिर बदनाम हो रहा कैराना कैराना कस्बे के मोहल्ला खेलकला में मूसा खान की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान है। बताया जा रहा है कि 6 माह पहले इमरान कैराना से हैदराबाद अपने भाई नासिर के पास गया था। मोहल्ला कायस्थवाड़ा में दोनों आरोपियों के मकान का गेट बंद है। मकान में भी कोई मौजूद नहीं है। पड़ोसी तौफीक मलिक ने बताया कि उनको मीडिया के माध्यम से इमरान व नासिर के हैदराबाद में पकड़े जाने की जानकारी मिली हैं। दरभंगा ब्लास्ट मामले में कैराना के युवाओं की भूमिका मिलने पर एक बार फिर देश भर में कैराना का नाम बदनाम हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, कैराना नगर के अलग-अलग मोहल्लों से गिरफ्तार आरोपियों के बाद आने वाले समय में अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।