बताया जा रहा है कि, वन विभाग को सूचना मिली थी कि, कुछ लोग दुर्लभ चकलोन प्रजाति का सैंड बोआ सांप को लेकर घूम रहे हैं, जो इसकी खरीद-बिक्री के लिए आए हैं। वन विभाग की टीम ने सूचना के तहत बताए गए दुपाड़ा रोड पर पहुंचकर जांच की तो संबंदित आरोपी मिल गए। बताया जा रहा है कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सांप की कीमत 1 से लेकर 10 करोड़ रुपए तक होती है, वहीं पकड़े गए सांप की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 5 करोड़ तक कीमत आंकी जा रही है। इस सांप का इस्तेमाल नशे की दवाएं बनाने के साथ साथ अन्य कई लाइलाज बीमारियों की आयुर्वेदिक दवाईयों में किया जाता है। यही वजह है कि, इस सांप को इतनी भारी भरकम कीमत तक पर खरीदा या बेचा जाता है।
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वन विभाग की कार्रवाई में धराए 6 आरोपी
– लोकेश पिता हेमराज शर्मा (उम्र 47 साल), निवासी झालावाड़,
– रोहित पिता बाबुलाल कश्यप (उम्र 26 साल), निवासी झालावाड़,
– गोकुल पिता कचरूजी (उम्र 51 साल), निवासी ग्राम आमलानानका तहसील सुसनेर जिला आगर
– नारायण पिता प्यारजी (उम्र 48 साल), ग्राम झापरिया तहसील सुसनेर जिला आगर
– दुर्गेश पिता नारायण मेघवाड़ (उम्र 29 साल), निवासी ग्राम अंतरालिया तहसील सुसनेर जिला आगर
– भेरूसिंह पिता हरिसिंह तंवर (उम्र 68 साल). निवासी ग्राम पिपलियानाजकार तहसील सुसनेर जिला आगर
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ब्लैक मार्केट में इस सांप के कई नाम, सबसे लोकप्रीय है ‘डबल इंजन’
गौरतलब है कि आरोपियों से बरामद बेहद दुर्लभ सांप की प्रजाति का नाम ‘रेड सैंड बोआ’ है, लेकिन इसके और भी कई नाम हैं। जिस तरह इस सांप को बंगाल में ‘लाल बालीबोड़ा’ कहा जाता है, उसी तरह इस सांप को ब्लैक मार्केट की दुनिया में ‘डबल इंजन’ के नाम से जाना जाता है। क्योंकि ये सांप आगे-पीछे समान रूप से चलने में सक्षम होता है।