डाक्टर्स के अनुसार आपरेशन पूरी तरह सफल रहा है। इधर देवराज को अपना लिवर देनेवाली मां सुनीता बाई को भी होश आ गया है। चुन्नीलाल ने बताया कि अभी उन्होंने आइसीयू के बाहर से ही पत्नी को देखा है। पत्नी ने हाथ से इशारा कर देवराज का हाल पूछा। डाक्टर्स ने मां सुनीता के लिवर का 40 प्रतिशत हिस्सा काटकर देवराज के लिवर को हटाकर लगाया है. करीब 3 माह में सुनीता का लिवर दोबारा 100 प्रतिशत विकसित हो जाएगा.
देवराज की जिंदगी की इस जंग में प्रदेश की सरकार मददगार बनी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर मुख्यमंत्री कार्यालय से देवराज का लिवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन करने संबंधी पत्र भेजा गया। इससे तंगहाली का सामना कर रहे देवराज के माता-पिता के चेहरे पर भी खुशी लौट आई थी.
उसके इलाज के लिए पैसे का अभाव था. ऐसे में देवराज ने हाथ जोड़कर तो माता-पिता ने संदेश के माध्यम से मदद की गुहार लगाई थी। इस पर पत्रिका ने प्रमुखता से समाचार का प्रकाशन किया था। इसके बाद ही सीएम के निर्देश पर सरकार की ओर से आर्थिक मदद दिए जाने संबंधी पत्र जारी कर दिया।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने पिता चुन्नीलाल को निवास पर बुलाया था और तत्काल चिकित्सकों से चर्चा कर अधिकारियों को निजी अस्पताल में दाखिल देवराज के लिवर ट्रांसप्लांट की व्यवस्था के निर्देश दिए थे.