ऐसे में यहां पर मौजूद करीब 100 से ज्यादा भारतीय विद्यार्थियों ने अपनी तैयारी कर ली और अगले निर्देशों के लिए इंतजार करने लगे। 4 दिन से बेसमेंट में रह रहे विद्यार्थियों को स्वदेश लौटने की उम्मीद जाग चुकी थी, लेकिन सभी विद्यार्थियों की तैयारियां उसी समय धरी रह गईं। जबकि, इंडियन एंबेसी की ओर से उन्हें सूचना दी गई कि, अभी किसी भी विद्यार्थी को नहीं निकाला जा सकता है। क्योंकि, ट्रेन चालू नहीं हुई है। ऐसे में सभी विद्यार्थी जहां पर हैं, वहीं पर रहें।
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पिता का इंडियन एंबेसी पर आरोप
खुशी दुबे ने बेसमेंट में फंसे सभी विद्यार्थियों का एक वीडियो भी बना कर परिजन को व्हाट्सएप किया है। खुशी के पिता शेरू दुबे ने कहा कि, जब ये सूचना दी गई कि सभी विद्यार्थियों को ट्रेन से ले जाया जाएगा तो फिर इसे कैंसिल क्यों किया गया। उन्होंने इंडियन एंबेसी के दोहरे रवैए पर सवाल खड़े करते हुए अपनी बेटी सहित सभी विद्यार्थियों को जल्द से जल्द युद्ध के हालातों से बाहर निकालकर स्वेदश लाने की मांग की है।