एफआईआर के मुताबिक, घटना वर्ष 1994 की है। जनपद के सदर बाजार थाना क्षेत्र एक 12 वर्षीय लड़की अपने रिश्तेदार के पास रहती थी जो नौकरी के लिए सुबह घर से निकल जाते थे। लड़की को अकेला पाकर पड़ोस का एक युवक जबरन घर में घुस आया और उससे बलात्कार किया। कुछ दिनों बाद उसके भाई ने बलात्कार किया। इसके बाद दोनों भाई एक साल तक अलग-अलग वक्त पर आते और बलात्कार करके चले जाते थे। गर्भवती होने पर नाबालिग पीड़िता के परिवार ने आरोपियों के परिवार से शिकायत की तो उन्होंने डराया और जान से मारने की धमकी दी। बदनामी के डर से वे चुप हो गए।
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कुछ दिनों बाद नौकरीपेशा पति-पत्नी का दूसरे जिले में तबादला हो गया। किशोरी भी उनके साथ चली गई, जहां 13 वर्ष की उम्र में उसने एक बेटे को जन्म दिया, जिसे रिश्तेदारों ने गैर जनपद में रहने वाले एक दंपती को गोद दिला दिया। कुछ वर्षों बाद उन्होंने किशोरी की शादी कर दी। अतीत की जानकारी होने पर पति ने उसका साथ छोड़ दिया। तबसे वह अलग रह रही है। दुष्कर्म के बाद जन्मे बेटे को अभिभावकों से असली मां के बारे में पता चला, जिसके बाद वह मां के पास गया और पिता के बारे में पूछा। फिर जो कहानी मां ने बताई, सुनकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। इसके बाद दोनों ने न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने सदर बाजार थाने को मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
पुलिस का बयान
मामले में इन्स्पेक्टर अशोक पाल कहते हैं कि यह घटना काफी पुरानी है। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर डीएनए भी कराया जा सकता है।
मामले में इन्स्पेक्टर अशोक पाल कहते हैं कि यह घटना काफी पुरानी है। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर डीएनए भी कराया जा सकता है।