एक चुटकी हल्दी बढ़ाएगी बीस गुना ताकत, बशर्ते होनी चाहिए असली मामला शाहजहांपुर का है। बेटे के आत्महत्या करने के बाद निराश पिता ने बताया कि, छात्र अनूप कुमार (17 वर्ष) को स्कूल में बाकी फीस जमा करने को कहा गया था। स्कूल प्रबंधन के कई बार फीस मांगने पर जब अनूप फीस जमा नहीं करा सका तो उसे अपमानित किया जाने लगा। और उसे स्कूल से अल्टीमेटम मिला कि अगर बाकी फीस जमा नहीं हुई तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। मजदूर पिता परमेश्वर दयाल ने बताया कि, अनूप ने बताया, पर वह फीस का इंतजाम नहीं कर सके। जिससे उनका बेटा परेशान हो गया कि अगर वह स्कूल फीस के 8,000 रुपए नहीं जमा करा सका तो क्या होगा।
पिता ने कहा, मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा :- पिता ने बताया, अनूप के स्कूल वाले नहीं मान रहे थे और वे फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे थे। मैं गरीब मजदूर हूं, मेरे पास बेचने के लिए भी कुछ नहीं था। थोड़ी देर बाद उसके कमरे से गोली चलने की आवाज आई। हम भागकर गए तो वह खून से लथपथ पड़ा था, उसकी वहीं मौत हो गई थी। मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा। एसपी (सिटी) संजय कुमार ने कहा, लड़के के पिता ने हमें बताया कि वह अपने बेटे की स्कूल फीस का इंतजाम नहीं कर पाए तो उसने अपनी जान दे दी।
देसी पिस्तौल कहां से आई :- निगोही के एसएचओ मनोहर सिंह ने कहा, हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उसके पास देसी पिस्तौल कहां से आई। परिवार ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। हमने शव को बायोप्सी के लिए भेज दिया है।