यह भी पढ़ें– चहेतों पर मेहरबान हुआ महकमा तो रोडवेज चालकों ने जमकर काटा हंगामा क्या है मामला दरअसल थाना मिर्जापुर क्षेत्र के गांव सिंगहा यूसुफपुर निवासी जितेंद्र कुमार 11 अगस्त को शाम करीब पांच अपनी गर्भवती पत्नी रेखा को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। जहां रेखा को बेड नहीं होने की वजह से भर्ती नहीं किया जा रहा था। इसी दौरान जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह निरीक्षण के लिए अस्पताल पहुंचे। महिला ने बेड नहीं मिलने की शिकायत की। इस पर जिलाधिकारी ने महिला से पूछा कि कितने बच्चे हैं। महिला ने जवाब दिया कि चार बच्चे हैं तो डीएम ने उससे कहा कि शर्म नहीं आती, क्या दो बच्चे काफी नहीं थे।
यह भी पढ़े– थाने के माल खाने से पिस्टल हुई गयाब, पुलिस महकमे में हड़कम्प डीएम के निर्देश पर महिला को अस्पताल में भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन उसे इलाज नहीं मिल सका। मजबूरन 12 अगस्त को एक निजी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया। 7:45 बजे बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद प्रसूता की हालत गंभीर हो गई तो डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया। बरेली ले जाते समय उसने रास्ते में उसकी मौत हो गई।
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