भारत बंद के दौरान मचाया था बवाल
दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान शाहजहांपुर में कई दलित संगठनों ने जमकर बवाल मचाया था। जिन पर प्रदर्शनकारियों को समझाने का जिम्मा था, वो लोग भी बेलगाम हो गए थे। खास बात ये है कि प्रदर्शनकारियों में बड़ी तादाद में सरकारी कर्मचारी भी शामिल थे। इन लोगों ने कलेक्ट्रेट में हुड़दंग करने के बाद पुलिस अधीक्षक आवास को जाने वाले रास्ते पर लालपुर के पास लखनऊ दिल्ली-रेल मार्ग जाम कर दिया। जिससे काफी देर तक रेल यातायात बाधित रहा। प्रदर्शनकारियों की भीड़ के आगे रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारी बेबस थे। उपद्रवियों ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा था। उनके साथ भी मारपीट और कैमरा तोड़े दिए गए थे।
400 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज
सीओ सिटी सुमित शुक्ला के अनुसार मीडियाकर्मी धनंजय वाजपेयी की शिकायत पर राजन सिंह और तीन-चार अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। आरपीएफ इंस्पेक्टर वरुण सिंह ने बताया कि रेलमार्ग को बाधित और रेलवे को क्षति पहुंचाने के आरोप में करीब 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस और रेलवे के दोनों ही अधिकारी अपने अपने स्तर से वीडियो और फोटो हासिल कर हंगामा करने वालो की तलाश कर रहे हैं। जिससे अब हंगामा कर मारपीट और रेलवे ट्रैक पर बवाल करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।