भाजपा नेताओं पर लगाया विभीषण की तरह काम करने का आरोप निकाय चुनाव परिणाम के तीसरे दिन हार के मंथन के बाद नीलिमा प्रसाद ने अपनी हार के लिए भाजपा नेताओं और विधायकों को जिम्मेदार ठहराया है। नीलिमा प्रसाद और उनके पति कुंवर जयेश प्रसाद का आरोप है कि उनके निकाय चुनाव में भाजपा के कई नेताओं ने विभीषण की तरह काम किया है, जिसकी बदौलत उन्हें हार का सामना करना पड़ा। नीलिमा प्रसाद का आरोप है कि भाजपा के विधायकों ने उनका साथ नहीं दिया। जबकि विरोधी सपा प्रत्याशी के साथ उनके पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और एमएलसी ने अपने प्रत्याशी के लिए रात दिन एक कर दिया। अगर शाहजहांपुर में भी भाजपा के पांचों विधायक नगर पालिका प्रत्याशी के लिए एकजुट होकर मेहनत करते तो प्रसाद भवन की लाज बचने के साथ ही भाजपा नेताओं की भी वाहवाही होती।
छह विधानसभाओं में से पांच पर है भाजपा का कब्जा आपको बता दें कि जिले की कुल छह विधानसभाओं में पांच विधानसभाओं पर भाजपा का कब्जा है। जिसमें तीन विधायक सामान्य, एक पिछड़ी और एक अनुसूचित जाति से हैं। लेकिन चुनाव के वक्त शहर विधायक और कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना को छोड़कर किसी भी विधायक ने नीलिमा प्रसाद का साथ नहीं दिया। आरोप है कि अगर सभी विधायक अपनी जाति के मतदातों को साध लेते तो भी बड़ी ही आसानी से इस चुनाव को जीता जा सकता था। भाजपा प्रत्याशी नीलिमा प्रसाद को 57962 जबकि सपा प्रत्याशी जहांआरा बेगम को 63330 वोट मिले।
प्रचार में दिखी भारी भीड़ आपको बता दें कि प्रसाद भवन की बड़ी बहू नीलिमा प्रसाद ने निकाय चुनाव प्रचार के रूप में सार्वजनिक तौर पर पहली बार देहरी से बाहर कदम रखा। ख़ास बात ये है कि प्रचार के दौरान नीलिमा प्रसाद जिस मोहल्ले की गली से गुजरतीं उनके पीछे सैकड़ों महिला पुरुषों की भीड़ होती थी, इतना ही नहीं गलियों से गुजरते वक्त उन पर फूलों की वर्षा होती थी। लेकिन आगे पीछे चलने वाली भीड़ वोट बैंक में तब्दील नहीं हो पायी।